नई दिल्ली: केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री रामविलास पासवान ने जोर देकर कहा कि कल्याणकारी संस्थानों और अनुसूचित जातियों/अनुसूचित जनजातियों/अन्य पिछड़ा वर्गों से जुड़े छात्रावासों में मानकों के अनुरूप पोषण उपलब्ध कराने के वास्ते समाज के कमजोर तबकों के कल्याण और विकास के लिए सब्सिडीयुक्त खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है। श्री पासवान नई दिल्ली में आज कल्याणकारी संस्थानों और छात्रावास योजनाओं के लिए क्रियान्वयन पर चर्चा के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के खाद्य सचिवों के साथ हुई बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
श्री पासवान ने कहा कि भारत सरकार ने भिखारी घरों, नारी निकेतन और राज्य सरकारों/संघ शासित क्षेत्रों के विभागों द्वारा प्रायोजित ऐसे ही अन्य कल्याणकारी संगठनों की आवश्यकताओं को पूरा करने के उद्देश्य से ऐसे संगठनों में मानकों के अनुरूप पोषण सुनिश्चित करने के वास्ते अतिरिक्त खाद्यान्न आवंटन के लिए अपनी योजना का पुनरोद्धार किया है। ये ऐसे संगठन हैं, जो लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली या किसी अन्य कल्याणकारी योजना के अंतर्गत नही आते हैं और जो अजा/अजजा/अपिव तबके के लिए बने छात्रावास हैं।
श्री पासवान ने बताया कि योजना के दिशानिर्देशों के तहत कम से कम दो तिहाई अजा/अजजा/अपिव समुदाय के छात्रों वाले छात्रावास के सभी छात्र सब्सिडीयुक्त खाद्यान्न के पात्र होते हैं, जिसमें दूसरी श्रेणियों के छात्र भी शामिल हैं। योजना के अंतर्गत खाद्यान्न का केंद्रीय निर्गम मूल्य बीपीएल दरों पर तय किया गया है।
खाद्य मंत्री ने कहा कि गेहूं और चावल (विभिन्न क्षेत्रों में खानपान की आदतों के आधार पर अनुपात तय किया जाता है) की मात्रा लोगों की पोषण जरूरतों के आधार पर तय होती है, जो प्रति माह अधिकतम 15 किलोग्राम प्रति व्यक्ति हो सकती है।
योजना का विवरण विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध है-
(http://dfpd.nic.in/1sGbO2W68mUlunCgKmpnLF5WHm/newpolicy-070917.pdf)