नई दिल्ली: आवास एवं शहरी कार्य राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री हरदीप पुरी ने कहा है कि शहरी क्षेत्रों का संधारणीय, संतुलित एवं समेकित विकास सरकार की मुख्य प्राथमिकता है एवं हमारे शहरी विकास निदर्शन का एक केंद्रीय विषय है । वह विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के प्रमुख श्री इरिक सोल्हैम, संयुक्त राष्ट्र स्थानिक समन्वयक श्री यूरी अफानासीव एवं भारत में यूएनडीपी के स्थानिक प्रतिनिधि द एनर्जी एण्ड रिसोर्सेज़ इन्सटीट्यूट के डॉक्टर अजय माथुर एवं संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण दूत सुश्री दिया मिर्ज़ा की उपस्थिति में आज यहां ‘द नोलेज कोअलीशन-इंटेलीजेंट कन्वर्सेशन’ को संबोधित कर रहे थे । श्री पुरी ने कहा कि जिस ढंग से हम हमारे देश में ‘शहरीकरण’ की प्रक्रिया का प्रबंधन करेंगे, वह यह निर्धारित करने में महत्वपूर्ण होगी कि किस सीमा तक हम अत्यधिक चर्चित “शहरी अवस्थांतर” का लाभ उठा सकते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के संचालन में शहरों के उभरने से भारत अपने विकास की उड़ान के एक अहम पड़ाव पर है जहां शहरों/ कस्बों में विकसित होने, संपन्न होने तथा निवेश एवं उत्पादकता काव्यवसायिक केंद्र बनने के लियेपर्याप्त अवसरों का सृजन अवश्य किया जानाचाहिये । जलवायु परिवर्तन की गंभीरता कम करने के वैश्विक विषय में भारत की विशिष्ट भूमिका स्वीकार करते हुए उन्होंने कहा कि भारत ने विश्व की वृहत्तर भलाई के लिये कुछ दूरगामी प्रतिज्ञाएं की हैं जैसे 2030 तक संयुक्त राष्ट्र चिरस्थायी विकास लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु वचनबद्ध होना एवंतीव्र गति से विकास होने पर भी सकल घरेलू उत्पाद के 33% तक उत्सर्जन तीव्रता कम करने की कॉप 21 में की गई वचनबद्धता समेत अनेक महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण समझौतों का हस्ताक्षरी होना ।
उन्होंने इस सत्य को रेखांकित किया कि आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय के सभी अभियानों काख़ासा ज़ोर पर्यावरण एवं पारिस्थिकीय संवहनीयता पर है । उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी मिशन जैसे अभियानों को पर्यावरण, चिरस्थायी एवं ढांचागत विकास के लिये अनेक प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष प्रयासों, उत्सर्जनों में कमी पर ख़ासे ज़ोर एवं आपदा के प्रति शहरों का लचीलापन बढ़ानेके हिसाब से तैयार किया गया है ।उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत अभिनव एवं आधुनिक निर्माण प्रौद्योगिकी के उपयोग की सुविधा प्रदान करने के लियेप्रौद्योगिकी सब-मिशन भी शुरू किया गया है ।
उन्होंने संधारणीय विकास एवं संधारणीय विकास लक्ष्यों (एसडीजी) की प्राप्ति— जैसा शहरों में “रहने की उपयुक्तता” के मापन कीआवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय की महत्वाकांक्षी परियोजना जिसमें सभी 79 संकेतक विभिन्न एसडीजी से लिंक हैं एवं सार्वजनिक परिवहन से लेकर पानी के दोबारा इस्तेमाल, प्रदूषण आदि को कवर किया गया है, से प्रमाणित हुआ है– के प्रति मंत्रालय की वचनबद्धता पर ज़ोर दिया।
आगे आने वाली चुनौतियों को स्वीकार करते हुए श्री पुरी ने कहा कि सरकारों, अकादमिक दुनिया एवं उद्योगों के मध्य अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय एवं स्थानीय स्तरों पर समर्पित एवं एवं सुदृढ़ साझेदारी चिरस्थायी विकास के लक्ष्यों की प्राप्ति में मददगार होगी ।