देहरादून: अशासकीय महाविद्यालयों के शिक्षकों को सरकारी महाविद्यालयों के शिक्षकों की भांति ही मेडिक्लेम की सुविधा दी जाएगी। सरकारी विद्यालयों में स्वतः सत्रांत लाभ की व्यवस्था लागू की जाएगी। हाई स्कूलों में कृषि विषय प्रारम्भ किया जाएगा। रविवार को बीजापुर हाउस में कांगे्रस के बुद्धिजीवी एवं शिक्षक प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित ‘‘संवाद’’ कार्यक्रम में आमंत्रित किए गए बुद्धिजीवियों से प्राप्त सुझावों का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अनेक निर्णय लिए।
उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा अधिनियम बनाने के लिए एक समिति बनाई जाएगी, जिसमें प्रबुद्ध शिक्षकों का योगदान भी सुनिश्चित किया जाएगा। इको-पर्यटन पर काम किया जा रहा है और इसके लिए अलग से कारपोरेशन की सम्भावनाओं का अध्ययन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि हमने राज्य के विकास के लिए छोटी बड़ी लगभग 211 पहलें की हैं। प्राथमिक विद्यालयों में अंग्रेजी व गणित की शिक्षा की योजना प्रारम्भ की है। हाई स्कूलों में स्किल शिक्षा की व्यवस्था की जा रही है। हम दूध उत्पादन के लिए सहकारी दुग्ध संघों को 4 रूपए प्रति लीटर बोनस दे रहे हैं। इसके परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं। लगभग सभी दुग्ध संघों में दूध उत्पादन में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। चारे की कमी को दूर करने के लिए वन विभाग के तहत जायका के माध्यम से व मेरा पेड़ मेरा धन योजना के माध्यम से प्रयास किए जा रहे हैं। जल संरक्षण के लिए वाटर बोनस प्रारम्भ किया गया है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हमारा फोकस हमारे जैविक उत्पादों को प्रोत्साहित करने पर है। हमने इस प्रकार के कदम उठाए हैं, जिससे इनकी मांग सृजित हो। राज्य का जैविक बोर्ड देश के अग्रणी बोर्डों में है। जल्द ही हमारे अपने राज्य गीत, वाद्य यंत्र, परम्परागत खेल व खाद्य पदार्थों को पहचान मिलेगी। अगले दो तीन वर्षो में उŸाराखण्ड का हस्तशिल्प सबके सामने होगा। हम प्रदेश में 2-2 हजार क्राफ्टमेन व क्राफ्टवूमेन तैयार कर रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि गढ़वाली व कुमायूंनी भाषाओं का संरक्षण तभी सम्भव है, जबकि हम घरों में अपने आपसी बातचीत में इसका प्रयोग करें।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि शिक्षा की स्थिति में सुधार के लिए शिक्षकों को सरकार से भागीदारी करनी होगी। शिक्षकों के हितों की रक्षा के लिए सरकार हर सम्भव प्रयास करेगी परंतु शिक्षकों को भी शिक्षा की गुणवŸाा में सुधार के लिए सरकार के प्रयासों में सहयोग करना होगा। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के लिए कल्याण कोष बनाया जा रहा है और उनके लिए अंशदायी बीमा योजना भी प्रारम्भ करने का निर्णय लिया गया है। रमसा में कार्यरत लोगों के लिए चुडि़याला केबिनेट में लिए गए निर्णय से राज्य सरकार पर 52 करोड़ रूपए का व्ययभार आएगा। फिर भी इनके द्वारा सरकार पर दबवा बनाने के लिए गैरवाजिब तरीके अपनाए जा रहे हैं।
‘संवाद’ गोष्ठी में बीके नौटियाल ने अशासकीय विद्यालयों में सुविधाएं विकसित किए जाने, डा.बृजमोहन शर्मा ने स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहित किए जाने, डा.राजीव ने माध्यमिक शिक्षा के संबंध में, डा.किरण सूद ने उच्च शिक्षा अधिनियम की आवश्यकता के संबंध में, हरी भण्डारी ने प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करने, बीके नेगी ने विद्यालयों में कृषि विषय प्रारम्भ करने, विनोद भट्ट ने जैविक कृषि नीति, के संबंध में सुझाव दिए। इसके अतिरिक्त डा. सुधा सोलंकी, डीके त्यागी, डा.प्रशांत, सोम द्विवेदी, हरीराज, डा.मनोज जादोन, दिनेश कुमार, समीर सिंह सहित अन्य बुद्धिजीवियों ने अपने सुझाव दिए।