नई दिल्ली: सीएमयू में साइंस, इंजीनियरिंग और गणित के क्षेत्र में कम से कम 5 प्रतिभाशाली भारतीय छात्रों को प्रति वर्ष डॉक्टोरल रिसर्च के लिए प्रोत्साहित करने और समर्थन देने के लिए सरकार के संवैधानिक निकाय साइंस एंड इंजीनियरिंग रिसर्च बोर्ड (एसईआरबी) ने कार्नेजी मेलॉन यूनिवर्सिटी (सीएमयू) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
इस समझौता ज्ञापन के तहत वर्ष 2016-17 से 2020-21 के दौरान चयनित भारतीय छात्रों पर एसईआरबी, 2.4 मिलियन डॉलर खर्च करेगा, जबकि सीएमयू कम से कम 5 मिलियन डॉलर खर्च करेगा। इस प्रवासी डॉक्टोरल फेलोशिप प्रोग्राम का उद्देश्य ऐसे क्षेत्रों में राष्ट्रीय क्षमता का निर्माण करना है, जहां देश हित में शोधकर्ताओं की प्रतिभा की आवश्यकता है।
यह कार्यक्रम लंबे समय में देश हित में उन प्रमुख क्षेत्रों के लिए वैज्ञानिकों का निर्माण करेगा जहां देश में वैज्ञानिकों की कमी को पूरा किया जाना जरूरी है। इस कार्यक्रम के जरिए देश को इन युवा वैज्ञानिकों की विशेषज्ञता का भी फायदा मिलेगा। इसके अलावा बोर्ड ने देश हित में अन्य शीर्ष वरीयता प्राप्त संस्थानों जैसे कैंब्रिज यूनिवर्सिटी, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी आदि के साथ भी एमओयू पर हस्ताक्षर किए।