नई दिल्ली: वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि बहुराष्ट्रीय और विदेशी कंपनियों के कार्यकलाप, समय-समय पर संशोधित समेकित प्रत्यक्ष विदेशी निवेश(एफडीआई) नीति परिपत्र, 2015 में निहित एफडीआई नीति और विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा), 1999 से नियंत्रित होते हैं।
घरेलू और पारंपरिक उद्योगों की सुरक्षा के लिए कुछ क्षेत्र/कार्यकलाप अनिवासियों द्वारा स्वामित्व तथा नियंत्रण के लिए खुले नहीं हैं। इसके अलावा कई क्षेत्रों/कार्यकलापों में निवेश केवल सरकारी अनुमोदन से ही हो सकता है। फिर भी, कई क्षेत्रों/कार्यकलापों में एफडीआई निष्पादन संबंधी शर्तों के अधीन है।
सरकार की एफडीआई नीति में एक तरफ तो घरेलू और पारंपरिक उद्योग की सुरक्षा के उपाय किए गए हैं, दूसरी तरफ, भारत को विदेशी निवेश के लिए अधिकाधिक आकर्षक गंतव्य के रूप में बनाए रखने के लिए अधिकांश क्षेत्रों को स्वतंत्र अनुमोदन मार्ग के अधीन भी रखा गया है। यह उपाय भारतीय इकाइयों को अपने व्यवसाय में वृद्धि करने के लिए विदेशी पूंजी तक पहुंच बनाने में मदद करने के लिए है। विस्तृत जानकारी इस विभाग की वेबसाइट (www.dipp.nic.in) पर ‘समेकित एफडीआई नीति परिपत्र, 2015’ में उपलब्ध है।