देहरादून: प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री उत्तराखण्ड सरकार सुरेन्द्र सिंह नेगी ने आज विधान सभा स्थित सभागार में डेंगू की रोक थाम के सम्बन्ध में स्वास्थ्य विभाग एवं जनपदीय अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए कहा कि डेंगू एक वायरल संक्रमण है। और यह बिमारी मच्छर द्वारा फैलती है। अतः डेंगू से बचने के लिए जरूरी है। मच्छरों से बचना उन्होंने कहा कि डेंगू का अभी तक न कोई टीका विकसित हुआ है और न ही कोई विशेष दवा तैयार हुई है।
उन्होंने स्वास्थ्य विभाग एवं सम्बन्धित विभाग के अधिकारियों को हिदायत देते हुए कहा कि सभी अधिकारी टीम भावना से कार्य करें। जो डेंगू की रोक थाम के लिये नये तरीके विभाग द्वारा ईजाद किये गये हैं। उनका प्रयोग सफलता पूर्वक किया जाय। इसके लिए सरकारी कार्मिकों को ट्रेनिंग भी दी जाय। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में पार्षद तथा ग्राम प्रधानों एवं बी.डी.सी. सदस्यों को भी इसमें सहभागिता प्रदान कराते हुए इसका सघन एवं विस्तृत प्रचार-प्रसार किया जाय। इसके साथ ही आम आदमी की सहभागिता भी आवश्यक है। जन जागरण करते हुए समाज में डेंगू से बचाव तथा डेंगू के लक्षणों से अवगत कराया जाय। डेंगू फैलाने वाला मच्छर रुके हुए साफ पानी में पनपता है। घरों के आस पास पानी न जमा होने पाय इसके व्यापक इंतजाम किये जायें। तथा पानी की टंकियों एवं पानी से भरे बत्र्तनों को ढक कर रखा जाय।
उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि आशा कार्य कत्रियों के साथ जाकर गांवों में गोष्ठी आयोजित करवायें। तथा उन्हें डेंगू के लक्षण एवं उसके बचाव के तरीकों से अवगत करवायें। डेंगू की रोकथाम की हम सभी की जिम्मेदारी है। इसमें सभी की भागीदारी सुनिश्चित करवाई जाय।
उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से कहा कि स्लम एरिया को चिन्हित किया जाय एवं उन क्षेत्रों पर फोकस किया जाय। सभी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी प्रीवन्टिक मैनेज पर ज्याद जोर दें। उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि स्कूलों के माध्यम से सुबह की प्रार्थना सभा में बच्चों को डेंगू की रोकथाम एवं बचाव के कारगर तरीकों से अवगत कराया जाय। उन्होंने जिला प्रशासन को निर्देश दिये कि इस विषय में जनपद स्तर के अधिकारियों के साथ शीघ्र ही बैठक कर उन्हें उचित दिशा निर्देश एवं डेंगू की रोक थाम एवं उससे बचने के तरीकों पर फोकस करते हुए इसकी समीक्षा करवाई जाय।
बैठक में महानिदेशक स्वास्थ्य डाॅ. आर.पी.भट्ट ने अवगत कराया कि डेंगू के लक्षण पर अचानक तेज सिर दर्द व बुखार आता है। मांश पेशियों तथा जोड़ों में दर्द होता है। तथा आंखों के पीछे दर्द होना जो आंखों को घुमाने से बढ़ता है, जी मचलता है, एवं उल्टी होती है। गम्भीर मामलों मे नाक, मुॅह, मसूड़ों से खून आना अथवा त्वचा पर चकते उभरते हैं। उन्होंने बैठक में उपचार के तरीकों पर भी प्रकाश डालते हुए बताया कि साधारण डेंगू बुखार स्वयं ठीक होने वाला रोग है। बुखार के लिये पैरासिटामोल की गोली ही सुरक्षित है। सामान्य रूप से भोजन देना जारी रखें व अधिक पानी पिलाएॅ, रोगी को आराम करने दें तथा मच्छरों से बचाव करें। मच्छरों को पनपने ना दें (प्रजनन) रोंकें। स्वयं को मच्छरों के काटने से बचायें घर के आस पास पानी एकत्र न होने दें। कूलरों, फुलदानों, रिफरेजरेट की ट्रे आदि का पानी सप्ताह में एक बार पूरी तरह खाली करें। खुलें बत्र्तन, टूटे-फूटे बोतलों टपों, डिब्बों नारियल के खोल गमले आदि में पानी एकत्रित न होने दें। उन्होंने प्रदेश के सभी सी.एम.ओ. को निर्देश दिये कि सभी अस्पतालों में पैरासिटामोल का सिरप भिजवायें जिससे बच्चों को इमरजैन्सी के वक्त उक्त दवा उपलब्ध करवायी जा सके।