लखनऊ: प्रदेश के गन्ना मंत्री श्री सुरेश राणा द्वारा प्रदेश में गन्ना किसानों की संस्था, सहकारी गन्ना विकास समितियों की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए निरंतर अनेक प्रभावी कदम उठाये जा रहे हैं। इसी क्रम में आयकर विभाग द्वारा कटौती की गई टी.डी.एस. की धनराशि वापस प्राप्त करने हेतु वर्षो से लम्बित पडे मुकदमें की अभियान चला कर पैरवी कराई गई है जिसके फलस्वरूप 169 गन्ना समितियों को कुल रू. 146.41 करोड़ की टी.डी.एस. कटौती की धनराशि वापस प्राप्त हुई है। यह प्रक्रिया लगातार चलाई जा रही है ताकि समितियों की टी.डी.एस.कटौती की धनराशि समय से वापस प्राप्त हो सके। गन्ना समितियों की सम्पत्तियों को चिन्हित कर सभी गन्ना समितियों मंे सम्पत्ति रजिस्टर तैयार कराकर उसमें दर्ज कराया गया है। अब तक 929 सम्पत्तियाॅ चिन्हित की जा चुकी है तथा इन सभी सम्पत्तियों की जियो मैपिंग भी कराई जा चुकी है।
आयुक्त श्री भूसरेड्डी ने बताया कि प्रदेश में 40 गन्ना समितियों के पास 673 दुकानें हैं जो किराये पर दी गई हैं। इन दुकानों के किराया निर्धारण की कोई नीति न होने के कारण पूर्व में इनसे बहुत कम किराया प्राप्त हो रहा था। अब इस स्तर से जारी दुकान आवंटन एवं किराया निर्धारण नीति के आधार पर जिलाधिकारी द्वारा निर्धारित किराया सर्किल रेट के अनुसार इन दुकानों का किराया निर्धारित किया जा रहा है। अब तक 238 दुकानों का किराया निर्धारण किया जा चुका है, जिससे किराये में लगभग 350 प्रतिशत की बढ़ौत्तरी हुई है।
विभाग द्वारा किये गये इन उपायों से गन्ना किसानों को आर्थिक एवं सामाजिक रूप से सशक्त बनाने हेतु उनकी संस्था, गन्ना समितियों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने हेतु उनके स्तर से अनवरत प्रयास चलते रहेगें।