नई दिल्ली: के.जे.अल्फांस, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने कहा है कि मथुरा के गोवर्धन तीर्थ को विश्व श्रेणी स्थल बनाने की आवश्यकता है तथा प्रत्येक वर्ष अक्टूबर में गोवर्धन महाराज उत्सव आयोजित किया जाएगा। मंत्री ने सुविधाओं के विकास के लिए अपेक्षाओं के आकलन हेतु मथुरा में स्थल निरीक्षण के पश्चात यह बात राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक में कही। श्री अल्फांस ने यह भी बताया कि सैद्धांतिक रूप से यह भी निर्णय लिया गया है कि परियोजना में तीर्थ यात्रा की सुविधाओं के विकास के लिए कुसुम सरोवर, मानसी द्वार, चंद्र सरोवर पर पर्यटन सुविधाएं शामिल की जाएं। इसके अलावा सीसीटीवी, पीए प्रणाली, वाई-फाई प्रणाली, मार्गसूचक बोर्ड लगाने की व्यवस्था भी शामिल की जाएगी। उत्तर प्रदेश राज्य सरकार इस संबंध में विस्तृत परियोजना रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
पहले, उत्तर प्रदेश सरकार ने मथुरा के गोवर्धन तीर्थ पर अवसंरचनात्मक सुविधाओं के विकास का प्रस्ताव भेजा था। निरीक्षण के दौरान मंत्री ने गोवर्धन परिक्रमा के विकास के लिए 50 करोड़ रूपये स्वीकृत करने की घोषणा की। पिछले चार वर्ष के दौरान प्रसाद योजना के अंतर्गत पर्यटन मंत्रालय द्वारा अभी तक 118.23 करोड़ रूपये की परियोजनाएं पहले ही स्वीकृत की जा चुकी हैं जो राज्य के मथुरा और वाराणसी में कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं।
वर्ष 2014-15 में पर्यटन मंत्रालय द्वारा तीर्थाटन, संरक्षण और अध्यात्म राष्ट्रीय मिशन अभिवृद्धि अभियान (प्रशाद) शुरू किया गया है जिसका उद्देश्य पहचान किए गए तीर्थ स्थल तथा धरोहर स्थलों का सर्वांगीण विकास करना है। आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय की ‘हृदय’ योजना बंद किए जाने के पश्चात और धरोहर स्थलों के विकास की परियोजनाओं के प्रसाद योजना में शामिल किए जाने पर योजना के मार्ग निर्देश संशोधित किए गए हैं तथा योजना की नामावली अक्टूबर 2017 में प्रसाद से बदलकर तीर्थाटन, संरक्षण और अध्यात्म राष्ट्रीय मिशन अभिवृद्धि अभियान (प्रशाद) कर दी गई है।
इस योजना के अंतर्गत विकास के लिए चुने गए स्थलों की कुल संख्या इस समय 24 है। इनके नाम हैं अमरावती और श्रीशैलम (आंध्र प्रदेश), कामाख्या (असम), पटना और गया (बिहार), द्वारका और सोमनाथ (गुजरात), हजरतबल और कटरा (जम्मू-कश्मीर), देवगढ़ (झारखंड), गुरुवायूर (केरल), मां चिंतपूर्णी, ऊना (हिमाचल प्रदेश), ओंकारेश्वर (मध्य प्रदेश), त्रंबकेश्वर (महाराष्ट्र), पुरी (ओडिशा), अमृतसर (पंजाब), अजमेर (राजस्थान), कांचीपुरम और वेल्लंकानी (तमिलनाडु), वाराणसी, और मथुरा (उत्तर प्रदेश), बद्रीनाथ और केदारनाथ ( उत्तराखंड) और बेलूर (पश्चिम बंगाल)। आज तक 727.16 करोड़ रुपये के अनुमानित व्यय के साथ कुल 24 परियोजनाएं स्वीकृत की जा चुकी हैं। 2014-15, 2015-16, 2016-17, 2017-18 तथा चालू वित्तीय वर्ष के दौरान इन परियोजनाओं के लिए 267.44 करोड़ रुपये की कुल राशि जारी की जा चुकी है।