भारत और इंग्लैंड के बीच लीड्स मैदान में खेले गए आखिरी और निर्णायक मुकाबले में इंग्लैंड के उपकप्तान जो रूट ने शानदार शतक लगाया था। इस शतक की मदद से इंग्लैंड ने भारत को तीसरे वनडे में 8 विकेट से हरा तीन वनडे मैचों की सीरीज में 2-1 से जीत लिया था। रूट ने शतक लगाने के अलग अंदाज़ में जश्न मनाया। उन्होंने शतक लगाने के तुरंत बाद अपने हाथ से बल्ला छोड़ दिया था। रुट का अब कहना है के ऐसा करने के बाद उन्हें इस बात का बेहद अफसोस हुआ। रूट का बल्ला गिराना कुछ उस तरह था, जिस तरह गायक अपनी परफॉर्मेस खत्म करने के बाद माइक गिरा देते हैं। रूट का कहना है कि उन्हें तुरंत इस बात का अफसोस हुआ था।
मैच जीतने के लिए इंग्लैंड को मात्र 2 रन चाहिए थे और रुट को शतक पूरा करने के लिए 4 रन तभी हार्दिक पांड्या की गेंद पर रुट ने शानदार शॉट मरते हुए चौका लगा दिया और अपने शतक के साथ-साथ इंग्लैंड के लिए मैच और सीरीज जीत ली। मैच जीतते हु रुट ने अपना बल्ला स्टाइल से गिरा दिया। बीबीसी ने रूट के हवाले से लिखा है, “यह कार के टकराने जैसा था। ऐसा करने के बाद मुझे तुरंत पछतावा हुआ। रूट का वो 13वां शतक था। उन्होंने कहा, “अगर आप सोचते हैं कि आप इस तरह से जश्न मनाएंगे, तो आपको मैदान से बाहर भेज दिया, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। यह मेरे द्वारा क्रिकेट के मैदान पर की गई सबसे निराशाजनक चीज है।
रूट का यह इस सीरीज में लगाया लगातार दूसरा शतक है। उन्होंने लॉर्डस मैदान पर खेले गए दूसरे वनडे में भी शतक जमाया था। रुट के इस अंदाज़ की इंग्लैंड के तेज़ गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड ने एंड्रयू फ्लिंटॉफ के वानखेड़े स्टेडियम में शर्ट लहराने वाले जश्न से तुलना की है। दरअसल, इंग्लैंड की टीम 2002 में भारत दौरे पर थी, तब मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए वनडे में भारत को हराने के बाद फ्लिंटॉफ ने मैदान में शर्ट उतार कर लहराई थी। इसके बाद भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने जुलाई 2002 में नेटवेस्ट सीरीज के फाइनल इंग्लैंड को हराने के बाद लॉर्ड्स की बालकनी से अपनी शर्ट लहराई थी।