हरिद्वार: मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने हरिद्वार में आयोजित ’’इनोवेशन समिट’’ में प्रतिभाग किया। हरिद्वार-रूड़की विकास प्राधिकरण व टैक्नोमीडिया प्राइवेट लिमिटेड की ओर से हरिद्वार में आयोजित होने वाले आगामी महाकुम्भ को भव्य रूप से आयोजित करने के उद्देश्य से इस दो दिवसीय ’’इनोवेशन समिट’’ का अयोजन किया गया है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि महाकुम्भ का सफल आयोजन शासन-प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है। यह देश और प्रदेश के लिए एक अवसर भी है। कुम्भ न केवल भारत बल्कि विश्व की आस्था का केंद्र भी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्लास्टिक गृह में परिवर्तित हो रही पृथ्वी की रक्षा के लिए आगामी महाकुम्भ को प्लास्टिक मुक्त बनाया जायेगा। इसके लिए सरकार द्वारा पहल शुरू की जा रही है। जिसमें प्लास्टिक का प्रयोग कर रहे व्यक्तियों को कपड़े या जूट का थैला उपलब्ध कराया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार बनने के बाद सबसे पहली चर्चा कुम्भ मेला को सफलतापूर्वक सम्पन्न कराने की थी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के शहरी विकास मंत्री द्वारा जिला प्रशासन और संत समाज के साथ मिलकर इस पर समय से कार्य और बातचीत भी शुरू कर दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुम्भ के अनुभवी अधिकारी इस समिट के माध्यम से आज जो भी प्लान और संसाधन कुम्भ की दृष्टि से आवश्यक समझते हो, उन्हें उपलब्ध करायें। इन संसाधनों को सरकार द्वारा पूरा करने की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के पास योग्य अधिकारी हैं, जो जन-सहभागिता से महाकुम्भ को सम्पन्न कराकर विश्व पटल पर ख्याति अर्जित करते आये हैं। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर हरिद्वार विकास प्राधिकरण के (हैश) पोर्टल तथा विकास विभाग के प्रगति पोर्टल की लाॅचिंग भी की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनवरी वर्ष 2019 तक प्रदेश में गौमुख से लेकर राज्य की अंतिम सीमा में गंगा को गंदे नालो से मुक्त किया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में गौ वंश को सड़कों पर आवारा, घायल तथा बीमार होने से बचाना भी सरकार का लक्ष्य है, जिसे सरकार शीघ्र प्राप्त करेगी। मुख्यमंत्री ने देवी की 52 शक्ति पीठों की एक संयुक्त प्रतिकृति का तीर्थ स्थल जनपद हरिद्वार में तैयार करने की भी घोषणा की।
शहरी विकास मंत्री श्री मदन कौशिक ने कहा कि कुम्भ मेले को ऐतिहासिक बनाया जायेगा। इसके लिए केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी से भी मिलकर हरिद्वार में रिंग रोड की मांग रखी गयी। जिसके लिए केंद्रीय मंत्री ने सहमति व्यक्त की है। वर्ष 2021 से पहले राज्य सरकार भूमि अधिग्रहण कर केन्द्र सरकार को उपलब्ध करायेगी। मेला क्षेत्र का विस्तार बिजनौर रोड की तरफ किया जायेगा।