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नई दिल्‍ली में विश्‍वविद्यालयों के कुलपतियों और उच्‍च शिक्षा संस्‍थानों के निदेशकों का तीन दिवसीय राष्‍ट्रीय सम्‍मेलन जारी

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नई दिल्ली: गुरु पूर्णिमा के मौके पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने नई दिल्‍ली में कुलपतियों और उच्‍च शिक्षा संस्‍थानों के निदेशकों का एक राष्‍ट्रीय सम्‍मेलन आयोजित किया। सम्‍मेलन की अध्‍यक्षता केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री प्रकाश जावडेकर ने किया और इस मौके पर मानव संसाधन विकास एवं उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डॉ सत्यपाल सिंह भी मौजूद थे।

यह तीन दिवसीय सम्मेलन 26 जुलाई को शुरू हुआ और 28 जुलाई, 2018 को संपन्न होगा। इस सम्मेलन में केंद्रीय विश्वविद्यालयों, राज्य सार्वजनिक विश्वविद्यालयों, डीम्ड विश्वविद्यालयों, राज्य निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और  आईआईटी, आईआईएससी, आईआईएम, आईआईएसईआर, आईआईआईटी, एनआईटी, और अन्य केंद्रीय संस्थानों के निदेशकों ने भाग लिया।

इस मौके पर श्री जावडेकर ने कहा कि जीवन में किसी को सफलता दिलाने के लिए गुरु ही वास्तविक मार्गदर्शक होता है। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले साल गुरु पूर्णिमा के अवसर पर हम लोगों ने स्वयं (एसडब्ल्यूएवाईएएम) प्लेटफॉर्म शुरू किया था जिसमें कम ही समय में 24 लाख से ज्यादा छात्रों ने पंजीकरण कराया था। यह सर्वोत्तम, किफायती और हर समय शिक्षा सुविधा मुहैया कराने में सफल रहा। उन्होंने उम्मीद जताई कि विश्वविद्यालयों की सक्रिय भागीदारी से यूजर की संख्या 24 लाख से बढ़कर अगले साल तक 2.4 करोड़ तक पहुंच जाएगी।

श्री जावडेकर ने कहा कि इस बार का ये सम्मेलन पहले के सम्मेलन से भिन्न है क्योंकि शिक्षा क्षेत्र की बेहतरी के लिए पहली बार मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने न सिर्फ केन्द्र पोषित विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और आईआईटी, आईआईएससी, आईआईएम, आईआईएसईआर, आईआईआईटी, एनआईटी जैसे केन्द्रीय संस्थानों के निदेशकों को आमंत्रित किया, बल्कि राज्य सार्वजनिक विश्वविद्यालयों, डीम्ड विश्वविद्यालयों और राज्य निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को भी आमंत्रित किया।

मंत्री ने बताया कि आईएमपीआरआईएनटी सहित एमएचआरडी की सभी अनुसंधान परियोजनाओं में विश्वविद्यालयों के शिक्षक और छात्र शामिल हो सकते हैं। इसके लिए चयन मेधा के आधार पर होगा। साहित्यिक चोरी रोकने के लिए देश के सभी विश्वविद्यालयों को नि:शुल्क टर्नि‍टिन सॉफ्टवेयर उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि ई-शोध सिंधु पत्रिका किफायती दरों पर सभी विश्वविद्यालयों को उपलब्ध कराई जाएगी।

इस मौके पर मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए डॉ. सत्यपाल ने कहा कि देश के उच्चतर शिक्षा माहौल में क्रांतिकारी बदलाव लाने में अनुसंधान और नवोन्वेष प्रमुख कारक हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए शैक्षणिक संस्थानों के किसी भी सदस्य की तुलना में गुरु को अधिक सम्मान दिया जाना चाहिए।

स्वागत भाषण देते हुए मानव संसाधन विकास मंत्रालय में सचिव (उच्चतर शिक्षा) श्री आर. सुब्रमण्यम ने कहा कि सम्मेलन का उद्देश्य देश के शैक्षणिक विकास पर जोर देना है। हमारा मुख्य उद्देशय अनुसंधान और नवोन्वेष को बढ़ावा देना है।

मानव संसाधन विकास मंत्री ने उच्चतर शिक्षा पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण (एआईएसएचई) रिपोर्ट-2017-18 और वर्ष 2017-18 के लिए देश और राज्यों का उच्चतर शिक्षा प्रोफाइल जारी किया। उन्होंने उच्चतर शिक्षा संस्थानों की स्वच्छता रैंकिंग के लिए स्वच्छ कैम्पस मैनुअल जारी किया। इसके बाद विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष प्रोफेसर डी.पी. सिंह ने क्वालिटी मैंडेट पर प्रजेंटेशन दिया।

उच्चतर शिक्षा पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण (एआईएसएचई) रिपोर्ट 2017-18 के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।

http://mhrd.gov.in/sites/upload_files/mhrd/files/statistics/AISHE2017-18_0.pdf

      इस अवसर पर केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने डॉ. विजय भटकर को सम्मानित किया। डॉ. भटकर भारत के अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक हैं। डॉ. विजय भटकर अभी नालंदा विश्वविद्यालय के कुलपति हैं। इससे पहले वे 2012 से 2017 तक आईआईटी दिल्ली के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष थे। डॉ. भटकर सुपर कम्प्युटिंग में भारत की राष्ट्रीय पहल के नेतृत्वकर्ता हैं औऱ उन्होंने 1990 में भारत के पहले सुपर कम्पयूटर परम के विकास का नेतृत्व किया।

      सम्मेलन का विषय है- उच्चतर शिक्षा में अनुसंधान और नवाचार।

      पिछले चार वर्षों में मंत्रालय द्वारा उच्चतर शिक्षा क्षेत्र में शोध और नवाचार को प्रोत्साहन देने के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं। उच्चतर अविष्कार योजना उच्चतर शिक्षण संस्थाओं में सार्थक शोध को प्रोत्साहित करती है। ज्ञान सरकार की वह पहल है जो हमारी उच्चतर प्रणाली में श्रेष्ठ वैश्विक व्यवहारों को एकत्रित करने का प्रयास करती है और इसके तहत विद्यार्थी विश्व भर के श्रेष्ठ शिक्षकों के साथ संवाद करते हैं।

      शोध को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ मंत्रालय ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के माध्यम से उच्चतर शिक्षा संस्थानों में गुणवत्ता सुधार का प्रस्ताव किया है, ताकि विद्यार्थी समाज के साथ जुड़ सकें, पेशेवर कुशलता प्राप्त कर सकें। प्रत्येक संस्थान को 2022 तक 2.5 के न्यूनतम स्कोर के साथ एनएएसी (नैक) की मान्यता प्रदान की जाएगी। मंत्रालय शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए इंडक्शन कार्यक्रम तथा ऑरिएंटेशन कार्यक्रमों पर बल दे रहा है।

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