नई दिल्ली: राजीव गांधी पेट्रोलियम प्रौद्योगिकी संस्थान (आरजीआईपीटी), रायबरेली ने 19 अगस्त, 2015 को डीआरडीओ सभागार, नई दिल्ली में अपना पहला दीक्षांत समारोह आयोजित किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने एक भव्य आयोजन में 6 छात्रों को राष्ट्रपति के स्वर्ण पदक, 16 छात्रों को रजत पदक, 260 पूर्व-स्नातकों और 185 परा-स्नातकों को डिग्रियां प्रदान कीं। राजीव गांधी पेट्रोलियम प्रौद्योगिकी संस्थान (आरजीआईपीटी) की स्थापना आईआईटी की तरह एक राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रूप में वर्ष 2008 में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा संसद के अधिनियम के तहत की गई थी। यह संस्थान ऊर्जा के क्षेत्र में निर्दिष्ट संस्थान के रूप में भारत की सार्वजनिक क्षेत्र की छह प्रमुख तेल कम्पनियों-ओएनजीसी, आईओसीएल, ओआईएल, जीएआईएल, बीपीसीएल और एचपीसीएल द्वारा ओआईडीबी के सहयोग से सह-प्रायोजित है। वर्तमान में यह संस्थान रायबरेली और नोएडा परिसरों से पूर्व-स्नातक (पेट्रोलियम और रसायन इंजीनियरिंग में बीटेक), परा-स्नातक (एम टेक- पेट्रोलियम और रसायन इंजीनियरिंग एवं पेट्रोलियम तथा ऊर्जा प्रबंधन में एमबीए) तथा डॉक्टर स्तर के कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। आरजीआईपीटी का दूसरा परिसर सिवसागर-आसाम में स्थापित हो रहा है, जहां डिप्लोमा स्तर के कार्यक्रम आयोजित होंगे। तीसरा परिसर बंगलुरू, कर्नाटक में स्थापित होने जा रहा है। इस केंद्र में अग्नि सुरक्षा इंजीनियरिंग और प्रक्रिया सुरक्षा पर शैक्षिक और प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने के लिए अति आधुनिक सुविधाएं और विश्व स्तर की अवसंरचना उपलब्ध होगी।