नई दिल्ली: कठुआ रेप केस में गवाह तालिब हुसैन के परिवार वालों की ओर से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में अब 29 अगस्त को सुनवाई होगी. सीजेआई दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ में मंगलवार को जम्मू-कश्मीर सरकार ने जवाब देने के लिए और वक्त की मांग की जिसपर कोर्ट ने राज्य सरकार को एक हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा है. दरअसल, पिछली सुनवाई में गवाह तालिब हुसैन के परिवार वालों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था.
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने तालिब हुसैन की हिरासत में कथित पिटाई के मामले को बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका मानने से इनकार करते हुए कहा था कि पुलिस मजिस्ट्रेट के सामने पेश कर चुकी है. ऐसे में हम पिटाई के आरोप पर सुनवाई करेंगे. दरअसल, याचिका में कहा गया था कि कठुआ रेप केस में पीड़ित परिवार की मदद के चलते उन्हें एक झूठे रेप केस में फंसाकर, पुलिस हिरासत में उनका टॉर्चर हो रहा है. पुलिस उन्हें उठाकर लेकर गई है और उनका कोई पता नहीं चल पाया है. इसी बीच सुप्रीम कोर्ट ने रेप का आरोप लगाने वाली महिला को भी पक्षकार बनने की इजाजत दी थी.
आपको बता दें कि सोमवार को तालिब हुसैन ने सांबा पुलिस स्टेशन के लॉकअप में दीवार से सिर मारकर खुदकुशी का प्रयास किया था. दीवार में सिर मारने से वह बुरी तरह जख्मी हो गया, जिसका अस्पताल में इलाज जारी है. पुलिस ने आरोपित के खिलाफ खुदकुशी के प्रयास का एक और मामला दर्ज किया था. तालिब पर आरोप है कि उसने महिला रिश्तेदार के साथ तेज धार हथियार दिखाकर जोर जबरदस्ती की.महिला की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज किया है.
आरोपित दस दिन की पुलिस रिमांड पर है. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस पूरे मामले को जम्मू कश्मीर से पठानकोट ट्रांसफर कर दिया था हालांकि आरोपियों की उस मांग को सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा दिया था जिसमें इस पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की गई थी.
गवाह के खिलाफ भी है रेप का मुकदमा
उधर, कठुआ गैंगरेप मामले में गवाह तालिब हुसैन के खिलाफ रेप का केस दर्ज कराने वाली पीड़िता ने भी सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की है. अर्जी में कहा गया है कि तालिब हिस्ट्रीशीटर है और उसके खिलाफ केस दर्ज है. अगर उसे जेल से रिहा किया गया तो वो पीड़िता को प्रताड़ित कर सकता है. पीड़िता ने तालिब पर की जा रही कार्रवाई को सही बताया है और इस मामले में पक्षकार बनाने की मांग की है. Zee