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6वे चरण के व्यवस्थापन के बाद अवशेष दुकानों के व्यवस्थापन हेतु दिशा-निर्देश जारी

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: आबकारी विभाग ने अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति की संस्तुति पर वर्ष 2018-19 में 6वे चरण के व्यवस्थापन के उपरान्त अव्यवस्थित दुकानों के 7वे चरण के व्यवस्थापन के लिए नियमानुसार कार्यवाही किये जाने का निर्णय लिया है।

आबकारी विभाग के प्राप्त सूचना के अनुसार प्रास्थिति से आच्छादित दुकानों का वर्ष 2017-18 हेतु निर्धारित एम0जी0क्यू0 अथवा वास्तविक उपभोग, जो अधिक हो के 70 प्रतिशत एम0जी0क्यू0 पर निर्धारित करके ऐसे निर्धारित न्यूनतम वार्षिक एम0जी0क्यू0 पर ई-टेण्डर/आॅफर मंगाकर व्यवस्थापन कराया जाये।

देशी शराब की ऐसी अव्यवस्थित दुकानें जो वर्ष 2018-19 हेतु निर्धारित एम0जी0क्यू0 के 50 प्रतिशत के बराबर न्यूनतम एम0जी0क्यू0 निर्धारित करते हुए ऐसे न्यूनतम निर्धारित वार्षिक एम0जी0क्यू0 पर ई-टेण्डर/आॅफर मांग कर व्यवस्थापन कराया जाये।

विदेशी मदिरा, बीयर व माॅडल शाॅप की निर्धारित लाइसेन्स फीस में 50 प्रतिशत की कमी करके न्यूनतम वार्षिक लाइसेन्स फीस निर्धारित करते हुए उस पर ई-टेण्डर/ आॅफर मांगकर व्यवस्थापन कराया जाये।

निर्णय के अनुसार आवेदक द्वारा आवेदित दुकान की सप्तम चरण हेतु न्यूनतम स्तर पर निर्धारित बेसिक लाइसेन्स फीस/लाइसेन्स फीस के सापेक्ष निर्धारित हैसियत का प्रमाण-पत्र संलग्न/अपलोड करना आवश्यक होगा न कि वर्ष 2018-19 हेतु पूर्व निर्धारित एम0जी0क्यू0/लाइसेंस फीस के सापेक्ष।

देशी मदिरा की दुकान के संदर्भ में उपरोक्तानुसार चयनित आॅफर में प्राप्त सर्वाधिक वार्षिक एम0जी0क्यू0 (12 के गुणांक में) में से व्यपगत अवधि के एम0जी0क्यू0 को घटाकर वर्ष की अवशेष अवधि हेतु एम0जी0क्यू0 निर्धारित किया जाये। तद्नुसार बेसिक लाइसेंस फीस जमा करायी जाये। इसी प्रकार विदेशी मदिरा एवं बीयर की दुकानों व माॅडल शाॅप की अवशेष अवधि की लाइसेंस फीस संगत नियमावलियों के अनुसार निर्धारित की जाये, शेष शर्ते व अर्हताएं पूर्ववत् रखी जाये।

प्रमुख सचिव आबकारी की ओर से विगत 10 अगस्त, 2018 को आबकारी आयुक्त उ0प्र0 को जारी पत्र में अग्रेत्तर कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये गये है।

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