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गढ़वाल मण्डल विकास निगम की समीक्षा करते हुएः मुख्यमंत्री हरीश रावत

उत्तराखंड
देहरादून: गढ़वाल मण्डल विकास निगम अपने आय के संसाधन बढ़ाने पर ध्यान दें, अवस्थावना सुविधाओं के विकास के साथ ही सेवा सुधार पर ध्यान दिया जाए, व्यवसायिक व व्यापारिक प्रबंधन प्रतिस्पर्धा के लिए भी निगम प्रबंधन तैयारी करें, नकारात्मक प्रवृत्ति के लोगों की मानसिकता में बदलाव लाने के प्रयास किए जाए, निगम अपनी व्यवसायिक प्रतिबद्धता पर ध्यान देते हुए व्यवसायिक ट्रेवल एजेन्टों का सहयोग भी ले, निगम के अतिथि गृहों का आधुनिकीकरण किया जायेगा,

प्रथम चरण में 21 अतिथि गृहों को तीन करोड़ की धनराशि उपलब्ध करायी जायेगी, निगम के अन्य अतिथि गृहों/रिजोर्टों की मरम्मत आदि के लिए 2 करोड़ रूपयें की धनराशि दी जायेगी, निगम अपनी संपत्तियों के व्यवसायिक उपयोग पर भी ध्यान देकर आय के साधनों का बढ़ाये। अतिथि गृहों को व्यवस्थित ढ़ंग से व्यवस्थित कर इनकी आन लाइन मार्केंटिंग पर ध्यान दिया जाय।
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बीजापुर अतिथि गृह में गढ़वाल मण्डल विकास निगम की समीक्षा के दौरान यह निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि अतिथि गृहों का सही ढंग से रख-रखाव हो तो ये अतिथि गृह निगम को घाटे से उभारने में मददगार हो जायेंगे, इसके लिए आउटसोर्सिंग पर भी ध्यान दिया जाय। उन्होंने द्रोण होटल व मसूरी स्थित अतिथि गृह के अनुरक्षण पर विशेष ध्यान देने को कहा। ये अतिथि गृह निगम की पहचान बनें ऐसे प्रयास हो, नये अतिथि गृहों का निर्माण वहां पर किया जाय जहां इनका बेहतर संचालन हो। निगम केदारनाथ, बदरीनाथ में ट्रेकिंग रूट व टेन्ट कालोनी के निर्माण पर भी ध्यान दें।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि चारधाम यात्रा को निगम अपने आय के संसाधनों से जोडे। निगम के पास संसाधनों की कमी नही है, आवश्यकता है इनके बेहतर उपयोग की। निगम अपने आय व्यय संसाधनों परिसम्पत्तियों का पूरा विवरण तैयार करें। योग्य कार्मिको की पहचान करें। खनिज, शराब, गैस एजेन्सी के अलावा निगम की जो भी उत्पादन एजेंसिया है। उनके रखरखाव पर ध्यान दें, उनका संचालन कैसे बेहतर हो उनसे अधिक से अधिक आय कैसे प्राप्त हो यह देखा जाय। निगम में अच्छे कार्मिकों को प्रात्साहन दिया जाय। उन्हें प्रशिक्षित करने की व्यवस्था की जाय। कार्य संस्कृति में बदलना आज के दौर की जरूरत बन गई है। इसे सभी को समझना होगा। बेहतर होगा राज्य के बाहर जीएमवीएन व केएमवीएन संयुक्त रूप से उत्तराखण्ड की पहचान बनें। आधुनिक तकनीकि के साथ निजि होटल व्यवसायियों से सीख लेने की जरूरत भी उन्होंने बतायी। निगम को अपने को व्यवसायिक रूप से पूरी तरह तैयार करना होगा। उन्होंने कहा कि निगम के अतिथि गृहों में गढ़वाल प्रोडक्ट के नाम से स्थानीय उत्पादों व दस्तकारी की मार्केंटिंग की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय।
मुख्य सचिव राकेश शर्मा ने कहा कि निगम को उसके आय के संसाधनों को बढ़ाने वाले प्रस्तावों को वित्तीय सहायता ए.डी.बी. द्वारा संचालित कार्यक्रमों के अधीन भी दी जा सकती है, इसमें पहल निगम को करनी होगी। अब समय आ गया है कि निगम को अपनी आय बढ़ाने के लिये सभी स्तरों पर प्रयास करने होंगे। निगम के पास अवसरों की कमी नही है। कार्मिकों को भी समझना होगा कि निगम की आय बढ़ेगी तभी उनका भी फायदा होगा।

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