नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में, नई दिल्ली में केन्द्रीय हिन्दी समिति की 31वीं बैठक हुई| अपने संबोधन में, प्रधानमंत्री ने समिति के सभी सदस्यों को रचनात्मक और व्यवहारिक सुझाव रखने के लिए अभिनंदन किया|
उन्होंने बल देकर कहा कि हिन्दी भाषाका प्रसार, आम बोलचाल की भाषा में ही होना चाहिए, और सरकारी काम-काज में भी क्लिष्ट तकनीकी शब्दों का प्रयोग कम से कम किया जाना चाहिए | सरकारी और सामाजिक हिन्दी के बीच फासला कम करने की आवश्यकता बताते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि शिक्षा संस्थानइस अभियान की अगुवाई कर सकते हैं |
विश्वभर में अपने अनुभवों की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने सभी सदस्यों को आश्वस्त किया कि हम हिन्दी सहित सभी भारतीय भाषाओं के माध्यम से, पूरी दुनिया से जुड़ सकते हैं |
इसी तरह से, प्रधानमंत्री ने कहा कि हम तमिल जैसी, विश्व की प्राचीनतम भारतीय भाषाओं पर गर्व करते हैं | उन्होंने यह भी कहा कि देश की सभीभाषाएँहिन्दी को भीसमृद्ध कर सकती हैं | इस सम्बन्ध में प्रधानमंत्री ने सरकार की“एक भारत, श्रेष्ठ भारत” पहल का भी उल्लेख किया |
इससे पहले, गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह के स्वागत संबोधन के उपरान्त, सचिव(राजभाषा) ने कार्यसूची के अनुरूप विभिन्न विषयों पर अब तक हुई प्रगति का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया | विभिन्न सदस्यों ने इन बिन्दुओं पर, औरहिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार से सम्बद्ध अन्य मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त किये |
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय द्वारा प्रकाशित गुजराती-हिन्दी कोष का विमोचन भी किया |
लगभगदो घंटे तक चली इस बैठक में केन्द्र सरकार के वरिष्ठ मंत्रीगण, अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, और गुजरात के मुख्यमंत्री, तथा समिति के अन्य सदस्यों ने भाग लिया |