नई दिल्ली: रेलवे संरक्षण बल (आरपीएफ) रेलवे संपत्ति की सुरक्षा और उसके बेहतर संरक्षण के लिए वैधानिक रूप से 29 अगस्त, 1957 को अस्तित्व में आया। आरपीएफ ने 29 अगस्त से 4 सितम्बर तक स्थापना दिवस सप्ताह मनाया। इस बल को अपराधियों से पूछताछ और उनको सजा दिलाने का अधिकार 1966 में दिया गया।
बाद में बल को यात्रियों और यात्री क्षेत्र के संरक्षण और सुरक्षा की अतिरिक्त जिम्मेदारी दे दी गई। तब से आरपीएफ ने लगातार विभिन्न क्षेत्रों जैसे- यात्रियों और रेलवे संपत्ति की सुरक्षा, यात्रियों के साथ हुए अपराधों के मामले में गिरफ्तारी, तस्करी के सामान की बरामदगी, मानवता की सेवा, हथियारों और गोलाबारूद की बारामदगी जैसे उत्कृष्ट कार्य किए हैं।
भारतीय रेलवे में आरपीएफ की हाल ही में हासिल कुछ उपलब्धियां इस प्रकार हैं:-
- मानवता की सेवा में :-
- मध्य रेलवे के भिवंडी रोड स्टेशन पर 21.05.2015 को आरपीएफ कर्मचारियों ने एक थैला बरामद किया जिसमें कुछ खाने का सामान और 2,46,220 रुपये मूल्य के स्वर्ण आभूषण थे। इस सामान को उप-स्टेशन अधीक्षक/बीआईआरडी की उपस्थिति में एक यात्री रत्नाकर एस.शेट्टी को सौंप दिया गया।
- मध्य रेलवे के अकोला रेलवे स्टेशन पर 13.05.2015 को सब इंस्पेक्टर/ आशु शर्मा ने आरपीएफ कर्मचारियों के साथ एक व्यक्ति को पकड़ा और उसके पास से एक मंगलसूत्र बरामद किया जो धनलक्ष्मी नाम की एक महिला से छीना गया था। इसे उस महिला को सौंप दिया गया।
- तस्करी की गई वस्तुओं की बरामदगी :-
आरपीएफ कर्मचारियों ने 29.05.2015 को कूचबिहार रेलवे स्टेशन पर ट्रेन नम्बर 12235 डाउन राजधानी में लावारिस पड़े हुए चार थैलों से 62 किलोग्राम गांजा बरामद किया। इस गांजे का अनुमानित मूल्य 70,000 रुपये है।
- हथियारों और गोलाबारूद की बरामदगी
- रंगिया में आरपीएफ कर्मचारी ने 20.04.2015 को कृष्ण सिंह नाम के एक व्यक्ति को हिरासत में लेकर उसके पास से 303 जीवित गोलाबारूद बरामद किए। गिरफ्तार व्यक्ति को गोलाबारूद के साथ ओसी/जीआरपी/रंगिया को सौंप दिया गया जिसने हथियार कानून के अंतर्गत 21.04.2015 को मामला दर्ज कर लिया।
- सब इंस्पेक्टर/आरपीएफ ने इटावा के आरपीएफ कर्मचारी के साथ 02.04.2015 को दो बाहरी व्यक्तियों शिवनारायण और प्रदीप को हिरासत में ले लिया और उनके पास से 20 किलोग्राम गांजा और .315 बोर की एक देसी पिस्तौल तथा दो जीवित कारतूस बरामद किए। दोनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया।
विविध :-
- 1. 04.2015 को एक व्यक्ति जयंत गोइंदानी अपने पिता श्री महेश कुमार के साथ आरपीएफ/चौकी/एसबीसी में आया और उसने ट्रेन संख्या 22692 राजधानी में अपना आसूस गूगल नेक्सस 7 टेबलेट खोने की जानकारी दी जिसकी कीमत 50,000 रुपये थी। तत्काल सब इंस्पेक्टर/आरपीएफ/एसबीसी और कर्मचारियों ने कोच की तलाशी ली और सामान लिपटी हुई एक चादर और कम्बल से बरामद कर लिया गया। यह सामान वरिष्ठ डीएससी/एसबीसी की उपस्थिति में एडीआरएफ/एसबीसी के जरिए जयंत को सौंप दिया गया। एडीआरएम/एसबीसी ने आरपीएफ कर्मचारी द्वारा किए गए कार्य की सराहना की और उसे नगद पुरस्कार देने का आदेश दिया।
- 22.05.2015 को ड्यूटी पर तैनात आरपीएफ कर्मचारी ने दीघा रेलवे स्टेशन पर ट्रेन संख्या 22874 अप की जांच की और पाया कि कोच नम्बर एस-2 में एक लावारिस ट्रॉली बैग पड़ा है। इस मामले की जानकारी सभी संबद्ध पक्षों को दी गई। उचित जांच के बाद उसमें कुछ निजी वस्तुएं, पहनने के कपड़े और स्वर्ण आभूषण मिले जिनकी कीमत 70,000 रुपये थी। इस संबंध में एक संयुक्त सूची तैयार की गई। ट्रॉली बैग के मालिक से सम्पर्क करने पर वह आरपीएफ चौकी/दीघा आए और सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद सभी वस्तुओं के साथ बैग उन्हें सौंप दिया गया।
- 21.05.2015 को उप सीवीओ(जी)/एसईआर/जीआरसी से जानकारी मिली कि जीएम कार्यालय की इमारत की पहली मंजिल के गलियारे में नकदी के साथ दो बाहरी व्यक्ति संदिग्ध अवस्था में घूम रहे हैं जिसके बाद आरपीएफ चौकी/जीआरसी के अधिकारी और कर्मचारी घटना स्थल पर पहुंचे और दोनों व्यक्तियों को पकड़ लिया गया। पूछताछ करने पर दोनों ने स्वीकार किया कि 21.05.15 को दोपहर करीब 12.45 पर वह रेलवे भर्ती प्रकोष्ठ/एसईआर/जीआरसी के एक कर्मचारी अनूप अधिकारी से मिल कर उसे 4,25,000 रुपये देने के लिए जीएम कार्यालय गए थे। यह धनराशि कुछ उम्मीदवारों मुर्शीद आलम, तफ्जूल हक और अमीरूल शेख को रेलवे की समूह ‘डी’ श्रेणी में रोजगार के लिए दी जानी थी। जांच करने पर दो थैलों से 4,25,000 रुपये नकद, जाली दस्तावेज, जिनमें नियुक्ति पत्र, स्कूल प्रमाणपत्र, हलफनामा, उम्मीदवारों की मार्कशीट आदि बरामद हुए। दोनो व्यक्तियों को जब्त दस्तावेजों के साथ एलपीएस/पश्चिमी बंदरगाह पुलिस स्टेशन/कोलकाता/जीआरसी को सौंप दिया गया जहां उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया। मामले की जांच चल रही है।
- 01.06.2015 को सहायक सब-इंस्पेक्टर/आरपीएफ/हुबली को केशवापुर पुलिस से सूचना मिली की चार जालसाजों ने हुबली में पंकज नाम के एक व्यक्ति के साथ धोखाधड़ी कर करीब 4,50,000 रुपये मूल्य के स्वर्णाभूषण लूट लिए हैं। जानकारी मिलने पर हुबली चौकी की अपराध इकाई ने स्थानीय पुलिस से प्राप्त जानकारी के आधार पर तत्काल उस जगह का पता लगा लिया और आरपीएफ/हुबली में सहायक सब-इंस्पेक्टर/आरपीएफ लोंडा से संपर्क किया और सूचना दी कि ये जालसाज हुबली से ट्रेन संख्या 11006 पीडीवाई-डीआर एक्सप्रेस से मिराज की तरफ जा रहे हैं और साधुओं की वेशभूषा में हैं। लोंडा में सहायक सब-इंस्पेक्टर पीएफ/एलडी ने कर्मचारियों के साथ इन संदिग्ध व्यक्तियों को जनरल कंपार्टमेंट से गिरफ्तार कर लिया गया। दोनों ने स्वीकार किया कि उन्होंने 9 चूडि़यां, 1 मंगलसूत्र और सोने की एक अंगूठी सहित 8 सोने के आभूषण चुराए थे जिनकी कुल कीमत 4,50,000 रुपये थी। चारों व्यक्तियों को स्वर्ण आभूषणों के साथ केशवापुर हुबली थाने को सौंप दिया गया।
- 27.04.2015 को ट्रेन संख्या 11402 नंदीग्राम एक्सप्रेस के एस-5 कोच में उस वक्त डकैती का प्रयास किया गया जब ट्रेन परभनी और मानवा रोड रेलवे स्टेशन के बीच से गुजर रही थी। ट्रेन पर सवार एचसी/पीएयू श्री एस डब्ल्यू गावल ने देखा कि एक व्यक्ति एक महिला यात्री श्रीमती हफीमा को रेजर ब्लेड दिखाकर धमका रहा है। उन्होंने तत्काल अपराधी को पकड़ लिया और शोर मचा दिया। महिला यात्री से पूछताछ करने पर उसने बताया कि आरोपी व्यक्ति और उसके तीन साथियों ने रेजर ब्लेड दिखाकर उससे स्वर्ण आभूषण लूटने का प्रयास किया लेकिन आरपीएफ कर्मचारियों को देखकर उसके साथी भाग गए। ड्यूटी पर तैनात आरपीएफ कर्मचारियों ने महिला यात्री से एफआईआर लिखवाकर आरोपी व्यक्ति को जीआरपी/एनईडी को सौंप दिया जिसने मामला दर्ज कर लिया और आगे जांच की।
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