नई दिल्ली: कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए) ने अधिसूचित किया है कि 2 अक्टूबर, 2018 से गैर-सूचीबद्ध सार्वजनिक कंपनियों को केवल डिमटेरियलाइज्ड स्वरूप में ही समस्त नए शेयरों को जारी करना होगा और इसी स्वरूप में सभी शेयरों को हस्तांतरित करना होगा। एमसीए ने कॉरपोरेट क्षेत्र में पारदर्शिता बढ़ाने, निवेशक संरक्षण और सुव्यवस्थित गवर्नेंस सुनिश्चित करने के उद्देश्य से ही यह कदम उठाया है। इस संबंध में नियमों को तदनुसार संशोधित किया गया है।
एमसीए के मुताबिक, प्रतिभूतियों के डिमटेरियलाइजेशन के प्रमुख लाभ जो अब से गैर-सूचीबद्ध सार्वजनिक कंपनियों को उपलब्ध होंगे, उनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
- कागजी स्वरूप वाले प्रमाणपत्रों से जुड़े जोखिमों जैसे कि इनके गुम हो जाने, चोरी होने, कट-फट जाने, धोखाधड़ी होने का अंदेशा नहीं रहेगा।
- बढ़ती पारदर्शिता से कॉरपोरेट गवर्नेंस प्रणाली बेहतर होगी और बेनामी शेयरधारिता, शेयरों को पिछली तारीख से जारी करने जैसे कदाचार को रोका जा सकेगा
- हस्तांतरण पर स्टाम्प ड्यूटी के भुगतान से छूट मिलेगी।
- प्रतिभूतियों के हस्तांतरण, इन्हें गिरवी रखने, इत्यादि में आसानी होगी।
यह उम्मीद की जा रही है कि गैर-सूचीबद्ध सार्वजनिक कंपनियां अब डिपॉजिटरीज और शेयर ट्रांसफर एजेंटों के साथ समन्वय करके अपनी प्रतिभूतियों के डिमटेरियलाइजेशन की ओर उन्मुख होंगे। यही नहीं, प्रतिभूतियों के डिमटेरियलाइजेशन से उत्पन्न होने वाली किसी भी शिकायत को आईईपीएफ प्राधिकरण द्वारा दूर कर दिया जाएगा। इस उपाय से देश में कॉरपोरेट गवर्नेंस से जुड़े मानकों में उल्लेखनीय सुधार होने की उम्मीद है।