नई दिल्ली: राष्ट्र की अर्थव्यवस्था में छोटे इस्पात क्षेत्र के योगदान को मान्यता देने के लिए इस्पात मंत्रालय ने एक पुरस्कार योजना शुरू की है। यह योजना छोटे इस्पात क्षेत्र के लिए पहली बार शुरू की जा रही है तथा नई दिल्ली में एक समारोह के दौरान 13 सिंतबर 2018 को पुरस्कार प्रदान किये जाएंगे। इसके लिए 2016-17 के दौरान इस क्षेत्र के प्रदर्शन को ध्यान में रखा जाएगा।
उल्लेखनीय है कि देश में कच्चे इस्पात के कुल उत्पादन में यह क्षेत्र 34 प्रतिशत का योगदान करता है। इसके अलावा कुल परिष्कृत इस्पात उत्पादन में इसका 42.86 प्रतिशत हिस्सा है। यह क्षेत्र निर्माण, मशीनी उपकरण, पाईप, स्टेनलैस स्टील इत्यादि के उत्पादन में अहम भूमिका निभाता है।
वर्तमान में बड़े समग्र इस्पात संयंत्रों को प्रधानमंत्री ट्रॉफी/इस्पात मंत्री ट्रॉफी प्रदान की जाती है। यह ट्रॉफी उन संयंत्रों को प्रदान की जाती है, जिन्होंने प्रतिवर्ष एक मिलियन टन कच्चे इस्पात का उत्पादन किया हो। छोटे इस्पात क्षेत्र कि पुरस्कार योजना के तहत मिनी इस्पात संयंत्रों इत्यादि को रखा गया है, जो प्रतिवर्ष 1 मिलियन टन से कम कच्चा/परिष्कृत इस्पात का उत्पादन करते हैं।