देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शुक्रवार को बीजापुर अतिथि गृह में उत्तराखण्ड पर्यटन द्वारा जारी ’अतिथि’ उत्तराखण्ड गृह आवास (होम स्टे) नियामावली-2015 का विमोचन किया। उन्होंने उत्तराखण्ड में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग, गढवाल मण्डल विकास निगम (जीएमवीएन), कुमांऊ मण्डल विकस निगम (केएमवीएन) एवं राष्ट्रीय यूथ होस्टल द्वारा संयुक्त लोगो एक्सचेंज कार्यक्रम का भी शुभारम्भ किया।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड मे पर्यटन की असीम संभावनाएं है। यहां के नैसंर्गिक सौंदर्य एवं सांस्कृतिक विरासत से देश विदेश के पर्यटको को आकर्षित करने के लिए होम स्टे योजना कारगर साबित हो सकती है। उन्होंने कहा कि होम स्टे नियमावली लागू होने से ग्रामीण क्षेत्रों के पर्यटक स्थलों के विकास के साथ ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य ही यह रखा गया है कि विदेशी व घरेलू पर्यटकों के लिए साफ-सुथरी किफायती आवासीय सुविधा ग्रामीण क्षेत्रों में उपलब्ध हो। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में होम स्टे योजना को प्रभावी बनाने के लिए अवस्थापना सुविधाओं के विकास पर भी विशेष ध्यान दिया जायेगा। हमारा प्रयास इस योजना को ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक रूप से लागू करने का है। इसके लिए जो भी आवश्यक प्रबन्ध किये जाने होगे, किए जायंेगे।
प्रमुख सचिव पर्यटन डाॅ. उमाकान्त पंवार ने बताया कि यूथ हाॅस्टल, जीएमवीएन, केएमवीएन व पर्यटन विभाग के संयुक्त प्रयासों से प्रदेश में पर्यटन गतिविधियों को निश्चित रूप से गति मिलेगी। पर्यटन के नये क्षेत्रों का भी विकास होगा। हमारे सामुहिक प्रयासों से केदारकांठा, पिंडारी ग्लेशियर व अन्य स्थलो पर ट्रेकिंग के लिए और अधिक पर्यटक आयेंगे। उन्होंने कहा कि होम स्टे योजना प्रदेश में प्रभावी बनाने के लिए दयारा बुग्याल क्षेत्र के रैथल व वारसू के ग्रामीणों के 24 सदस्यीय दल को लेह लद्दाख क्षेत्र का भ्रमण कराया गया। उन्होंने वहां कि होम स्टे व्यवस्थाओं का जायजा लिया है तथा उत्तराखण्ड के वातावरण व प्राकृतिक सौंदर्य को लद्दाख से भी अच्छा बताया। इस अवसर पर दयारा पर्यटन विकास समिति के सदस्यों ने भी अपने अनुभव व सुझावों की भी जानकारी दी।