लखनऊ: प्रदेश के सहकारिता मंत्री श्री मुकुट बिहारी वर्मा ने कहा कि ऋणमोचन योजना के तहत लम्बित प्रकरणों के निस्तारण कराते हुए योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक कृषकों को उपलब्ध कराया जाय, इसके लिए प्राथमिकता के आधार पर आपत्तियों का निराकरण समयान्तर्गत सुनिश्चित किया जाय। बैंकों की कार्यप्रणाली में सुधार हेतु नाबार्ड के दिशा निर्देशों के अनुसार कार्य योजना तैयार की जाये, जिससे बैंकों का पुनरूद्धार कार्यक्रम सफल हो सके।
यह बातें सहकारिता मंत्री श्री मुकुट बिहारी वर्मा आज यहां उ0प्र0 कोआपरेटिव बैंक लखनऊ में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान कही। उन्होंने उ0प्र0 कोआपरेटिव बैंक लि0 के अधिकारियों से कहा कि जिला सहकारी बैंकों की वित्तीय स्थिति, व्यवसाय, निक्षेपकर्ताओं के भुगतान, बैंकों के कम्प्यूटराइजेशन, एन0पी0ए0 की वसूली एवं ऋण वितरण का कार्य समय से करना सुनिश्चित करें तथा भारतीय रिजर्व बैंक एवं नाबार्ड द्वारा निर्धारित मानकों के अनुपालन के सम्बन्ध में भी प्रगति समीक्षा की गयी। सहकारिता मंत्री ने बैंकों के व्यवसाय में वृद्धि हेतु ऋण वितरण पर विशेष बल देते हुए बैंक की साख को बनाये रखने हेतु निक्षेपकर्ताओं के भुगतान को प्राथमिकता प्रदान किये जाने के निर्देश दिये गये। उन्होंने 16 नवीन लाइसेंस प्राप्त जिला सहकारी बैंकों (फैजाबाद, गाजीपुर, श्रावस्ती, इलाहाबाद, सीतापुर, सिद्धार्थनगर, बहराइच, हरदोई, आजमगढ़, सुल्तानपुर, बस्ती, बलिया, फतेहपुर, गोरखपुर, जौनपुर, देवरिया) की प्रगति में सुधार लाने हेतु कार्य योजना तैयार किये जाने के निर्देश दिये हैं।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव, सहकारिता श्री एम0वी0एस0 रामी रेड्डी, अपर आयुक्त एवं अपर निबन्धक (बैंकिंग) श्री आन्द्रे वामसी, सहकारिता सम्बन्धित मण्डल के उपायुक्त/उपनिबन्धक एवं संयुक्त आयुक्त एवं संयुक्त निबन्धक, सहकारिता, सम्बन्धित जनपद के सहायक आयुक्त एवं सहायक निबन्धक, सहकारिता, बैंकों के सचिव/मुख्य कार्यपालक अधिकारी एवं उ0प्र0 कोआरपरेटिव बैंक लि0, के प्रबन्ध निदेशक, श्री रवि कान्त सिंह तथा सहकारिता विभाग के अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।