नई दिल्ली: गोवा के सीएम मनोहर पर्रिकर लंबे समय से पेनक्रियाटिक कैंसर से जूझ रहे हैं, शनिवार को उनकी हालत गंभीर होने की वजह से उन्हें दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया है। पार्रिकर के बीमार होने की वजह से जहां एक ओर पार्टी और उनके घरवाले चिंतित हैं वहीं दूसरी ओर राज्य के नए सीएम के लिए खींचतान भी शुरू हो गई है, राज्य में गठबंधन की पार्टी महाराष्ट्रवादी गोमंतक (एमजीपी) ने कहा है कि अपनी गैरमौजूदगी में पर्रिकर को सबसे वरिष्ठ मंत्री प्रदेश की जिम्मेदारी सौंपनी चाहिए।
मालूम हो कि पर्रिकर अपने इलाज के लिए तीन महीने तक अमेरिका में थे, इस महीने की शुरुआत में ही वो इंडिया वापस आए थे लेकिन उनकी हालत बिगड़ गई। अपनी गैरमौजूदगी में उन्होंने राज्य को चलाने के लिए मंत्रिमंडलीय सलाहकार समिति का गठन किया था। ऐसी खबर है कि पर्रिकर ने शनिवार सुबह बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से फोन करके अपनी गिरती स्वास्थ्य की वजह सीएम के तौर पर काम करने में असमर्थता जताई है।
फिलहाल गोवा में सीएम के पद को लेकर सियासी हलचलें काफी तेज हो गई हैं। मालूम हो कि गोवा में इस वक्त बीजेपी की सरकार दो क्षेत्रीय पार्टी और कुछ निर्दलीय विधायकों की मदद से चल रही है। ऐस में सीएम पद के लिए नेता चुनना भाजपा के लिए आसान नहीं होगा। मालूम हो कि 40 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी के 14 विधायक हैं, बीजेपी, उसके सहयोगियों और निर्दलीय उम्मीदवारों की कुल मिलाकर संख्या 24 है, जबकि विपक्ष में बैठी कांग्रेस के 16 विधायक हैं। source: oneindia