पिछले कई महीनों से अपनी बीमारा का इलाज करवा रहे बॉलीवुड एक्टर इरफान खान को याद कर भावुक नजर आएं साहेब बीबी और गैंगस्टर के डायरेक्टर तिग्मांशु धुलीया। उन्होंने इरफान खान की तारीफ में कहा कि बॉालीवुड में अब तक जितने भी अभिनेता आए हैं, उनमें से इरफान खान सर्वश्रेष्ठ रहे हैं।
वे एक बेहतरीन अभिनेता के साथ साथ एक अच्छे इंसान भी हैं। हमारी दोस्ती की शुरूआत साल 1992 में हुई। उस वक्त मैंने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में अपना दाखिला करवाया था, तब इरफान मुझसे दो बैच सीनियर हुआ करते थे।
उस समय इरफान की एक्टिंग की कोई तारीफ नहीं होती थी ना ही एनएसडी के चर्चित अभिनेताओं में इरफान खान की कोई गिनती थी। लेकिन जब मैंने उन्हें पहली बार अभिनय करते देखा तो हैरान रह गया। उनका अभिनय इतना प्रभावशाली था जिसे देखकर मेरे होश उड़ गए। मेरे जीवन में ऐसे बहुत कम लोग हैं जिनसे मैं प्रभावित हुआ हूं, लेकिन इरफान की तो बात ही अलग है
हमारे बीच बहुत सारी चीजें सामान्य है। साहित्य और राजनीति पर बात करने के लिए भी हमारे बीच बहुत कुछ होता है। हमारे सामाजिक सरोकार भी एक जैसे हैं। वहीं हम दोनों अपने काम को लेकर काफी ईमानदार हैं। इरफान दूसरे लोगों के साथ घुलने-मिलने में काफी वक्त लगाते थें, लेकिन हम दोनों के बीच जब बातचीत शुरू होती है, तो वक्त का पता नहीं चलता। इरफान की सबसे अच्छी बात मैं आपको बता दूं कि वे अपने काम को लेकर बेहद सीरियस रहते हैं। अपने हर किरदार को लेकर वे बेइंतहा मेहनत करते हैं। इस वजह से उनके प्रति सम्मान बढ़ा, बल्कि उनसे बहुत कुछ सीखने का मौका मिलता है। वे बेहद टैलेंटेड अभिनेता हैं।
एक समय ऐसा भी आया जब उन्होंने फिल्मी दुनिया को अलविदा कहने का मन बना लिया था। क्योंकि उन्हें मन मुताबिक रोल नहीं मिल रहे थे। तब मैंने ही उनको जाने से रोका और कहा कि थोड़ा इंतजार करो, मैं तुम्हें नेशल अवॉर्ड दिलवाउंगा। जिसके बाद फिल्म ‘पानसिंह तोमर’ में इरफान ने नेशनल अवार्ड हासिल कर यह साबित कर दिया कि वह सच में अद्भुत है।
वहीं अवार्ड हासिल करने के बाद जब उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने जब मुझे इस अवार्ड का असली हकदार बताया तो मेरा मन अंदर ही अंदर भीग-सा गया। इस माया नगरी में कौन किसे इस मोहबब्त से याद करता है। बस अब तो जिल से एक ही आवाज निकलती है कि बहुत हुआ इरफान अब लौट आओ।