नई दिल्ली: राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने हिन्दी दिवस के अवसर पर आज (14 सितंबर, 2015) नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में राजभाषा पुरस्कार प्रदान किए। राष्ट्रपति ने आज सम्मानित किये गये पुरस्कार विजेताओं को उनके द्वारा हिन्दी में किये गये सराहनीय कार्य के लिए बधाई दी। उन्होंने हिन्दी के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए हर किसी से एक साथ आने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि देश की स्वतंत्रता से लेकर हिन्दी ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां प्राप्त की हैं। भारतीय विचार और संस्कृति का वाहक होने का श्रेय हिन्दी को जाता है। भाषा हमारे पारम्परिक ज्ञान, प्राचीन सभ्यता और आधुनिक प्रगति के बीच एक सेतु भी है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हिन्दी का इस्तेमाल बढ़ाने की दिशा में हमारा प्रयास होना चाहिए, ताकि देश की प्रगति में ग्रामीण जनसंख्या सहित सबकी भागीदारी सुनिश्चित हो सके। इसके लिए यह अनिवार्य है कि हिन्दी और अन्य भारतीय भाषाओं में तकनीकी ज्ञान से संबंधित साहित्य का सरल अनुवाद किया जाए। उन्होंने कहा कि उन्हें यह जानकार प्रसन्नता हुई है कि सूचना प्रौद्योगिकी में हिन्दी का इस्तेमाल बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि तेजी से बदलते वैश्चिक आर्थिक परिदृश्य पर हिन्दी की अपनी छाप है। विश्वभर में करोड़ों की संख्या में भारतीय समुदाय के लोग एक संपर्क भाषा के रूप में हिन्दी का इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हिन्दी को एक नई पहचान मिली है।