नई दिल्ली: महिला स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के लिए अपनी पहल के माध्यम से ‘स्त्री स्वाभिमान’ नामक सामान्य सेवा केंद्र ग्रामीण इलाकों में किशोर महिलाओं और लड़कियों के घरों के पास सस्ती और सुलभ सैनिटरी उत्पादों को उपलब्ध कराने के लिए एक टिकाऊ मॉडल बनाने का प्रयास कर रहा है। यह पहल उन महिला उद्यमियों द्वारा व्यक्तिगत स्तर पर चलाया जा रहा है जो स्वयं सैनिटरी नैपकिन का उत्पादन और विपणन करती हैं। यह पहल महिलाओं और लड़कियों को विकास के अवसरों तक पहुंचने में लिंग-भेद को कम करने में अपनी भूमिका निभाना चाहता है जो अफसोसजनक तरीके से शिक्षा, स्वास्थ्य और कार्यबल में भागीदारी को हासिल करने में बाधक है।
महिलाओं के स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के लिए ‘स्त्री स्वाभिमान’ पहल के तहत महिला उद्यमी अपने समुदायों में महिलाओं एवं लड़कियों के सशक्तिकरण के प्रतीक बन चुकी हैं। अब तक इन महिला उद्यमियों द्वारा 278 सैनिटरी नैपकिन लघु विनिर्माण इकाइयों को सफलतापूर्वक स्थापित किया गया है। इन इकाइयों द्वारा उत्पादित सैनिटरी नैपकिन न केवल कम आय वाले समुदायों की आवश्यकताओं के अनुरूप हैं बल्कि स्वाभाविक तरीके से नष्ट होने वाले और पर्यावरण के अनुकूल हैं। इसके अलावा ये ग्रामीण समुदायों के लिए आसानी से उपलब्ध हैं। महिलाओं के स्वास्थ्य और स्वच्छता को बढ़ावा देने के अलावा यह पहल ग्रामीण महिलाओं को रोजगार के अवसर भी प्रदान करती है क्योंकि प्रत्येक इकाई में 5 से 7 महिलाओं को रोजगार मिलता है।
महिलाओं के स्वास्थ्य और स्वच्छता के उद्देश्य सीएससी एसपीवी ने इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के महिला विश्रामशाला में सैनिटरी नैपकिन बिक्री मशीनें लगाई हैं। इससे मंत्रालय की महिला कर्मचारियों को सैनिटरी पैड उपलब्ध हो सकेगा। इस पहल की सफलता और सबक के आधार पर अन्य सार्वजनिक और निजी संस्थानों में भी इसी तरह की सैनिटरी नैपकिन मशीनें लगाई जाएंगी।