लखनऊ: महिला कल्याण विभाग द्वारा प्रदेश के समस्त जनपदों से भारतीय दण्ड संहिता एवं पाक्सो अधिनियम की पीड़ित महिलाओं/बालिकाओं को अल्पावास प्रदान करने के लिए जनपद स्तर पर संचालित सरकारी/गैर सरकारी संस्थाओं का विवरण मांगा गया है। संस्थाओं से अपेक्षा की गयी है कि वे अपना नाम, पूरा पता, पंजीकरण सहित विवरण, संस्था में संवासिनियों की स्वीकृत क्षमता तथा वर्तमान में आवासित संवासिनियों की संख्या एवं संस्था में अतिरिक्त संवासिनियों को रखे जाने पर उनके भोजन और सुरक्षा की व्यवस्था की स्थिति का विवरण जिला प्रोबेशन अधिकारी और जिलाधिकारी से हस्ताक्षरित कराकर प्रेषित किया जायेगा।
ज्ञात हो कि 13 सितम्बर 2018 को मुख्य सचिव उ0प्र0 शासन की अध्यक्षता में आहूत बैठक में यह तथ्य संज्ञान में लाया गया था कि पुलिस द्वारा किसी पीड़िता की बरामदगी की दशा में पीड़िता का चिकित्सीय परीक्षण तथा आई0पी0सी0 की धारा-164 के अन्तर्गत बयान होने तक उसे अल्पावास प्रदान किया जाना होता है किन्तु पीड़िता को थाने अथवा पुलिस अभिरक्षा में नहीं रखा जा सकता है। ऐसे में पीड़िता को अल्पावास प्रदान करने के लिए जनपद में सरकारी तथा राज्य/केन्द्र सरकार से मान्यता प्राप्त महिलाओं/बालिकाओं से सम्बन्धित आश्रयगृहों को चिन्हित करने का निर्देश दिया गया है।