नई दिल्ली: रक्षा मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन ने नई दिल्ली में 37वें तट रक्षक कमांडरों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए भारतीय तट रक्षक (आईसीजी) के असाधारण साहस और आपातकालीन चुनौतियों का सामना करने में संगठन के वैज्ञानिकों की वैज्ञानिक सोच एवं सुनियोजित विकास से संबंधित दूरदर्शिता की सराहना की।
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत के विशाल एवं विस्तारित सामुद्रिक क्षेत्र में आईसीजी की सराहनीय क्षमता तथा निगरानी के अनवरत प्रयास भारत-प्रशांत क्षेत्र में बेमिसाल हैं और यह हमेशा सभी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर चर्चा और सराहना का केंद्र बिंदु रहा है।
श्रीमती सीतारमन ने आपदा काल, विशेष कर ओखी तूफान एवं केरल के बाढ़ में नागरिकों की सुरक्षा में इसके अद्वितीय नेतृत्व एवं शानदार भूमिका की भी सराहना की। रक्षा मंत्री ने आईसीजी के कमांडरों से प्रौद्योगिकी आधारित उपकरणों को अपनाने के लिए मछुआरा समुदाय को जोड़ने एवं उन्हें प्रोत्साहित करने के उपायों एवं तरीकों पर विचार करने को कहा।
तट रक्षक के महानिदेशक राजेंद्र सिंह ने रक्षा मंत्री एवं रक्षा मंत्रालय को आईसीजी की क्षमता को रुपांतरित करने की दिशा में अनथक समर्थन के लिए धन्यवाद दिया।