“मां वैभव लक्ष्मी” का व्रत शीघ्र फलदायी है। अगर फल शीघ्र ना मिलें तो एक महीने के बाद फिर से इसे शुरु करना चाहिए और जब तक इच्छानुसार फल ना मिले तब तक व्रत तीन-तीन महीने पर करते रहना चाहिए।
आज के दिन सुबह उठकर स्नान आदि करके पवित्र हो जाएं। पूरा दिन व्रत रखते हुए शाम को साफ कपड़े पहन लें। पूजा करने के लिए हमेशा पूर्व दिशा की तरफ मुंह रखो। चौकी पर लाल कपड़े बिछाएं। उस पर वैभव लक्ष्मी को स्थापित करें। साथ ही लक्ष्मी जी की एक नहीं आठ मूर्ति या आठ चित्र रखें। साथ में बीच में यंत्र रखें। कलश के उपर कटोरी में सोने या चाँदी का गहना अथवा सिक्का या रूपया रखकर कलश को ढ़क दें।
अब सर्वप्रथम “श्री यंत्र” का ध्यान करें उसके बाद ” माँ वैभव लक्ष्मी” जी के सभी आठ स्वरूपों का ध्यान कर दोनों हाथ जोड़कर दिये हुए प्रार्थना को उच्चारित करते हुए नमस्कार करें। बाद में ग्यारह या इक्कीस शुक्रवार यह व्रत करने का दृढ संकल्प माँ के सामने करें और आपकी जो मनोकामना हो वह पूरी करने को माँ लक्ष्मीजी से विनती करें।