लखनऊ: प्रदेश के गन्ना किसानों को बकाया गन्ना मूल्य भुगतान कराने हेतु सत्त प्रयत्नशील गन्ना मंत्री श्री सुरेश राणा के प्रयासों के फलस्वरूप मुख्यमंत्री जी की प्रेरणा से प्रदेश सरकार द्वारा अनुपूरक बजट के माध्यम से सहकारी क्षेत्र की चीनी मिलों को रु.885 करोड़ एवं निगम क्षेत्र की चीनी मिल को रु.23 करोड़ की वित्तीय सहायता राज्य सरकार द्वारा गन्ना कृषकों के हित में उपलब्ध कराई गई है।
इस संबंध में गन्ना आयुक्त श्री संजय आर0 भूसरेड्डी ने बताया कि सहकारी क्षेत्र की 24 चीनी मिलों द्वारा राज्य सरकार से प्राप्त धनराशि रू.885.00 करोड़ के साथ अपने स्रोतों से प्राप्त आय को सम्मिलित करते हुए कुल रू.892.32 करोड ़बकाया गन्ना मूल्य भुगतान कृृषकों के खातों में प्रेषित कर दिया गया है। निगम क्षेत्र की चीनी मिल, मोहिउद््दीनपुर द्वारा राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध करायी गयी धनराशि रू.23.00 करोड़ के साथ अपने स्रोतों से प्राप्त धनराशि को सम्मिलित करते हुए चीनी मिल पर बकाया गन्ना मूल्य रू.29.12 करोड का सम्पूर्ण भुगतान कर दिया गया है।
सहकारी क्षेत्र की चीनी मिलों में पश्चिमी क्षेत्र की अनूपशहर को रू.38.27 करोड़ बागपत को रू.56.13 करोड़, मोरना कोे रू.24.03 करोड़, ननौता को रू.69.55 करोड़, रमाला को रू.45.14 करोड़, सरसावाॅ को रू. 34.15 करोड़ एवं मध्य क्षेत्र की चीनी मिलों में बेलरायाॅ को रू.83.71 करोड़, बिलासपुर को रू.24.20 करोड़ , बीसलपुर को रू.43.11 करोड़, बदायू को रू. 23.80 करोड़, गजरौला को रू.25.94 करोड़, कायमगंज को रू.19.50 करोड़, पुवाॅया को रू.20.03 करोड़, पूरनपुर को रू.37.83 करोड़ सम्पूर्णानगर को रू.94.38 करोड़, साथा को रू.21.30 करोड़ , सेमीखेड़ा रू.42.95 करोड़, स्नेहरोड रू.2.21 करोड़, तिलहर को रू.45.88 करोड़ तथा पूर्वी क्षेत्र की चीनी मिलों में घोसी को रू.26.00 करोड़, महमूदाबाद को रू.34.21 करोड़, नानपारा को रू.36.32 करोड़, सठियाॅव को रू.17.36 करोड़, सुल्तानपुर को रू.19.00 करोड़ का कुल रू. 885 करोड़ ऋण प्रदान किया गया।
गत पेराई सत्र के गन्ना मूल्य भुगतान हेतु सभी चीनी मिलों को रू.4.50 प्रति कुं. की दर से रू.500 करोड़ की वित्तीय सहायता प्रदान की
जानी है जिसमें गन्ना पेराई के सापेक्ष निगम क्षेत्र की एक चीनी मिल को रु.2 करोड़ सहकारी क्षेत्र की 24 चीनी मिलों को रु.43 करोड़ तथा निजी क्षेत्र की 94 चीनी मिलों को रू.455 करोड़ प्रदान किये जायेंगे।
साफ्ट लोन योजना हेतु अनुपूरक अनुदान के माध्यम से रु.4,000 करोड़ का बजटीय प्राविधान कराया गया है, जिससे प्रदेश के निजी क्षेत्र के चीनी मिलों को पेराई सत्र 2016-17 एवं 2017-18 के अवशेष गन्ना मूल्य भुगतान हेतु ऋण के रुप में, प्रदेश में स्थित राष्ट्रीयकृत, अनुसूचित व्यावसायिक बैंकों एवं उ.प्र. सहकारी बैंक के माध्यम से, धनराशि उपलब्ध करायी जायेगी। ऋण लेने वाली चीनी मिल अपना आवेदन बैंक के स्तर पर प्रस्तुत करेगी। सम्बन्धित बैंक, इस योजना के अन्तर्गत ऋण वितरण एवं वापसी हेतु एक अलग खाता अनुरक्षित करेगी। इस योजनान्तर्गत स्वीकृत ऋण पर 5 प्रतिशत वार्षिक की दर से साधारण ब्याज देय होगा, जिस का आगणन ऋण वितरण की तिथि से किया जाएगा।
प्रमुख सचिव, गन्ना विकास एवं चीनी श्री संजय आर. भूसरेड्डी ने यह भी बताया कि पेराई सत्र 2017-18 में खरीदे गये गन्ने की मात्रा के सापेक्ष रू.4.50 प्रति कंु. की दर से चीनी मिलों को वित्तीय सहायता प्रदान की जायेगी। तथा वित्तीय सहायता का आगणन चीनी मिल द्वारा पेराई सत्र 2017-18 में खरीदे गये कुल गन्ने की मात्रा के आधार पर रू.4.50 प्र्रति कुं. की दर से किया जायेगा तथा यह धनराशि संबंधित जिला गन्ना अधिकारी एवं चीनी मिल के संयुक्त संचालन में खोले गये एस्क्रो एकाउन्ट में हस्तांतरित की जायेगी। चीनी मिलों को एस्क्रो एकाउन्ट में भुगतान की गई वित्तीय सहायता की धनराशि में से पेराई सत्र 2017-18 में आपूर्ति की गयी गन्ने की मात्रा के आधार पर राज्य परामर्शित गन्ना मूल्य के सापेक्ष अवशेष गन्ना मूल्य की धनराशि, डी.बी.टी/आर.टी.जी.एस./एन.ई.एफ.टी. के माध्यम से, कृषकों को सीधे बैंक खाते में भुगतान कर दी जायेगी। इस प्रकार गन्ना कृषको के गन्ना मूल्य का शत प्रतिशत भुगतान कर दिये जाने उपरान्त, पेराई सत्र में रू.4.50 प्रति कुं. की दर से अनुमन्य वित्तीय सहायता की अवशेष धनराशि का भुगतान चीनी मिल को कर दिया जायेगा।
उल्लेखनीय है कि गन्ना किसान, सरकार के एजेण्डे में सर्वोपरि हैं, जिसके कारण उनका गन्ना मूल्य भुगतान तुरन्त कराने हेतु और गन्ना किसानो ंएवं चीनी उद्योग को सुदृढ़ करने के लिये गन्ना मंत्री श्री सुरेश राणा ने गन्ना किसानों की ओर से मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया है।