नई दिल्ली: केंद्रीय सड़क परिवहन तथा राजमार्ग, शिपिंग, जल संसाधन, नदी विकास तथा गंगा संरक्षण मंत्री श्री नितिन गडकरी ने कहा है कि देश के लिए एथनोल, मेथनोल तथा बॉयो-डीजल जैसे वैकल्पिक ईंधन स्रोतों को अपनाने का समय आ गया है। श्री गडकरी आज मुंबई में इंडिया केम 2018 – के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। श्री गडकरी ने वैकल्पिक ईंधनों के महत्व पर बल देते हुए कहा कि एथनोल हमारा भविष्य है और सरकार ने इसका उत्पादन बढ़ाने का निर्णय लिया है। मंत्रिमंडल ने एथनोल फैक्टरियों को वित्तीय सहायता देने की स्वीकृति दी है। उन्होंने कहा कि देश को आयात घटाने और निर्यात बढ़ाने की आवश्यकता है और इसलिए आयात विकल्प के रूप में नए उपायों को समर्थन देना जरूरी है।
इंडिया केम-2018 रसायन और पेट्रो रसायन उद्योग का सबसे बड़ा सम्मेलन है। इसका आयोजन रसायन और उर्वरक मंत्रालय के रसायन तथा पेट्रो रसायन विभाग तथा फिक्की ने किया है। इंडिया केम-2018 मुंबई में 04 से 06 अक्तूबर तक आयोजित किया गया है।
श्री गडकरी ने कहा कि भारत तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है और भारत में निवेश करने वालों को काफी लाभ होगा। उन्होंने कहा कि भारत टेक्नोलॉजी, उद्यमियता, नवाचार तथा अनुसंधान और विकास के क्षेत्र के क्षेत्र में अच्छा कार्य कर रहा है और अनेक शोध हो रहे हैं जिनके माध्यम से भारत विश्व में चमत्कार कर सकता है। उन्होंने पारिस्थितिकी और पर्यावरण के महत्व की चर्चा करते हुए कहा कि एथनोल से बॉयो-प्लास्टिक बनाया जा सकता है। जैविक प्लास्टिक पेट्रो रसायन उद्योग के लिए नया विज़न प्रदान कर सकता है।
ऊर्जा और विद्युत क्षेत्र की ओर कृषि की विविधता के महत्व पर श्री गडकरी ने कहा कि नई फसलों की पहचान करनी होगी। उन्होंने उद्योग जगत का आह्वान किया कि वह रसायन बनाने के लिए कृषि सामग्री के उपयोग की संभावना की तलाश करें। यह देश के लिए बड़ा परिवर्तनकारी हो सकता है।
रसायन और पेट्रो रसायन विभाग के सचिव श्री पी. राघवेन्द्र राव ने कहा कि रसायन और पेट्रो रसायन उत्पादन, स्टार्ट-अप संस्कृति, कारोबारी सुगमता और नवाचार के कारण भारत निवेश के लिए वैश्विक स्थान बन गया है। उन्होंने बताया कि रसायन और पेट्रो रसायन उद्योग 6.2 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ रहा है।
श्री राव ने बताया कि सरकार द्वारा शुरू किए गए सुधार कार्यक्रमों के कारण रसायन उद्योग विकास कर रहा है। 2014-18 के बीच रसायनों का कुल आयात मात्रा की दृष्टि से 5.8 प्रतिशत बढ़ा है और यह 2025 तक 304 बिलियन डॉलर पहुंच जाएगा।
इंडिया केम – 2018 में ईरान, चीन, जापान, ब्रिटेन, स्पेन, अमेरिका, जर्मनी, इटली, ब्राजील, तुर्की और दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों की 300 से अधिक रसायन और पेट्रो रसायन कंपनियां भाग ले रही हैं।