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उत्तराखण्ड इन्वेस्टर समिट में कृषि व होल्टिकल्चर के क्षेत्र में 4834 करोड का एम ओ यू हुआ साइन

उत्तराखंड

देहरादून: उत्तराखण्ड इन्वेस्टर समिट के दूसरे दिन कृषि व होल्टिकल्चर के क्षेत्र में निवेश करने हेतु कृषिमंत्री श्री सुबोध उनियाल ने कहा है कि कृषि व होल्टिकल्चर के क्षेत्र में 4834 करोड का एम ओ यू साइन हुआ है। जिसके अन्तर्गत 1325 करोड का एरोमा सेक्टर आगर्निक खेती हेतु 1309 करोड व 2200 करोड हाल्टिकलचर के क्षेत्र में एमओयू हुआ है। उन्हांेने बताया कि रसना द्वारा 500 करोड का निवेश राज्य में किया जा रहा है। उन्होने कहा कि भारत में 42 फूड प्रोसेसिंग सेक्टर है, जिसमें से 2 उत्तराखण्ड में स्थापित है। उन्होने कहा कि पर्वतीय क्षेेत्र में फूड प्रोसेसिंग हेतु नौथा में सेक्टर स्थापित किया रहा है जिसमें 500 लोगो को रोजगार प्राप्त होगा। उन्होने कहा वर्तमान में उत्तराखण्ड में 300 हेक्टेयर भूमि में चाय की खेती की जा रही है। इसे बढाकर 1300 हेक्टेयर किया जायेगा। उन्होने बताया कि अर्जेटिना हर्बल के क्षेत्र में उत्तराखण्ड में निवेश करना चाहता है। उन्हांेने कहा कि आर्गनिक खेती बढाने के लिए अलग-अलग क्लस्टर बना कर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा प्रदेश सरकार किसानों को उनके उत्पादों का अच्छा मूल्य दिलाने के लिए 200 हेक्टियर से 400 हेक्टेयर तक एक ही तरह का उत्पाद पैदा कराया जायेगा। उन्होने कहा कि वर्तमान में उत्ताखण्ड में 24 कोल्ड चैन स्थापित किये गये हैं। जिसमें 15 कोल्ड चैन डेढ़ वर्ष के अन्तर्गत स्थापित किये गये हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में 1 लाख एकड़ में आर्गेनिक खेती की जा रही है। अगले वर्ष तक इसे बढ़ाकर 3 लाख एकड़ में किया जायेगा।

राज्य मंत्री श्रीमती रेखा आर्या ने कहा कि प्रदेश की 70 प्रतिशत आबादी ग्रामीण क्षेत्र में रहती है। पशुपालन से उनकी आर्थिकी में उन्नति होगी। उन्होंने कहा कि पशुपालन के माध्यम से जैविक खेती संभव है। उन्होंने कहा पशुधन उत्पाद हमारे आजीविका का महत्वपूर्ण अंग है। इस क्षेत्र में निवेशकों की अत्यधिक मांग है। उन्होंने कहा पशुपालन को बढ़ावा देने व उन्नतशील नस्ल के पशुओं हेतु प्रदेश में सीमेन लैब बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि चारे के क्षेत्र में हम 36 प्रतिशत की पूर्ति नहीं कर पा रहे हैं। इसके लिए निवेशक व्यवसायिक माडल तैयार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि महिलाएं भी आधुनिक तकनीक का प्रयोग करते हुए मुर्गी पालन, डेयरी, मत्स्य पालन, मशरूम आदि क्षेत्रों में आगे आयें।

संयुक्त सचिव खाद्य एवं प्रसंस्करण, भारत सरकार श्री पराग गुप्ता ने कहा कि फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं। हम सब पहले से ही फूड प्रोसेसिंग से जुड़े हैं। आज यह नई तकनीकी के माध्यम से हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा क्लटर बनायें व उसमें फूड प्रोसेसिंग के उद्योग लगायें।

केन्द्रीय मंत्री, खाद्य व प्रसंस्करण, श्रीमती हरसिमरत कौर बादल ने कहा उत्तराखण्ड में पूरा हिन्दुस्तान समाया हुआ है। यह देवभूमि है, ऋषिमुनियों ने यहां जप और तप किया है। उन्हांेने कहा कि किसान मेहनत करता है, किन्तु बुनियादी सुविधायें न होने से अनाज की बर्बादी होती है। इसके लिये किसानों को मूलभूत सुविधा देनी होगी। उन्होंने कहा देवभूमि में फूड प्रोसेसिंग की अपार संभावनाऐं हैं।

इस अवसर पर सचिव डाॅ. आर.मीनाक्षी सुन्दरम द्वारा निवेशकों को अनेक जानकारियां उपलब्ध कराई तथा राबो इक्विटी एडवाईजर के अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक श्री राजेश श्रीवास्तव, पतंजलि फूड एवं हर्बल पार्क के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रवीन्द्र चैधरी, आनन्द डेयरी के चेयरमैन श्री राधेश्याम दीक्षित तथा फ्रिक इंडिया के प्रबन्ध निदेशक, जसमोहन सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किये।

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