गोरखपुर: योग सिर्फ एक सस्ती स्वास्थ्य पद्धति ही नहीं बल्कि समस्त भारतीयों और मानवता को जोड़ने का माध्यम भी है, जिसकी स्वीकार्यता पूरी दुनिया में बढ़ रही है। ये बातें केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री तथा केन्द्रीय आयुष मंत्री श्रीपाद नाइक ने आज गोरखपुर में गोरक्षपीठ मंदिर में आयोजित योग एवं आध्यात्मिकता शिविर के उद्घाटन के दौरान कहीं।
ये आयोजन गोरक्ष पीठ के पूर्व महंत ब्रह्मलीन श्री दिग्विजयनाथ की 46वीं पुण्यतिथि और गोरक्ष पीठ के पूर्व महंत ब्रह्मलीन श्री अवैद्यनाथ की प्रथम पुण्यतिथि के अवसर पर किया जा रहा है। इस क्रम में एक सप्ताह तक कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा।
कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए केन्द्रीय आयुष मंत्री ने कहा कि योग मन को शुद्ध व शांत करने तथा आत्मा को पूर्ण प्रकाशित करने का साधन है। प्रधानमंत्री की पहल के बाद आयुष मंत्रालय का गठन करके योग सहित यूनानी, होम्योपैथ, सिद्ध और आयुर्वेद को प्रोत्साहित करने का प्रयास किया गया जिसके बाद ही 21 जून 2015 को योग दिवस मनाया गया। श्री नाइक ने कहा कि सरकार इन सभी चिकित्सा पद्धतियों के विकास के लिए गंभीर प्रयास कर रही है।
माननीय केन्द्रीय मंत्री इस योग एवं आध्यात्मिकता शिविर के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता गोरक्षपीठाधीश्वर और गोरखपुर के सांसद श्री योगी आदित्यनाथ ने की। इस मौके पर गोरखपुर के सांसद श्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि योग विद्धार्थियों के लिए भी काफी जरूरी है। भारत के आयुर्वेद से प्रभावित होकर मेडिकल टूरिज्म भी बढ़ रहा है ।