देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि वर्तमान परिदृश्य बहुत प्रतिस्पर्धी हो गया है। नई ऊंचाईयां हासिल करने के लिए जरूरी है कि प्रथम में प्रथम आएं। उत्कृष्टता की यह भावना किसी व्यक्ति के साथ ही राज्य व देश के लिए भी उतनी ही सटीक है। मुख्यमंत्री श्री रावत डीबीएस कालेज के छात्र संघ समारोह 2015 में बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि छात्र जीवन की सफलता के मूल्यांकन में कालेज व विश्वविद्यालयों का बहुत महत्व होता है। योग्यता व प्रतिभा का एक मानक यह भी होता है कि हमारी पढ़ाई कहां से हुई है। उन्होंने डीबीएस कालेज में 5 कक्षों के निर्माण की स्वीकृति दी।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि युवा हमारी शक्ति हैं। भारत में 66 प्रतिशत जनसंख्या 35 वर्ष से कम आयु वर्ग में है। हम विश्व में सबसे युवा देश हैं। यह सरकार व समाज का दायित्व है कि अपनी युवाशक्ति का प्रयोग देश को आगे बढ़ाने में कैसे किया जाए। प्रतिस्पर्धी उत्कृष्टता हमारा मूलमंत्र होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने छात्रों से अपने बहुत से अनुभव भी साझा किए। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार ने जीडीपी का 6 प्रतिशत बजट शिक्षा के लिए समर्पित किया था। पूर्व प्रधानमंत्री डा.मनमोहन सिंह का मानना था कि एक भी व्यक्ति का निरक्षर रहना देश, समाज व सरकार के लिए शर्मनाक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में उŸाराखण्ड शिक्षा पर सर्वाधिक व्यय करने वाले राज्यों में शामिल है। हमारे यहां दूसरे राज्यों की तुलना में जनसंख्या के अनुपात में डिग्री कालेज, पाॅलिटेक्नीक व आईटीआई अधिक संख्या में हैं। हमें प्रदेश में विकसित शिक्षा के इंफ्रास्ट्रक्चर का सदुपयोग करना है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने देहरादून में शिक्षा के क्षेत्र में स्वस्थ व प्रगतिशील वातावरण तैयार करने में अपना योगदान देना चाहिए। शिक्षा की गुणवŸाा में सुधार पर फोकस करना है। छात्र राजनीति में सक्रिय छात्र कुछ क्रियेटिव व इनोवेटिव विचार लेकर आएं।