लखनऊ: मनुष्यों की हड्डियों का क्षरण और बनना पूरी जिंदगी जारी रहता है। 30 साल की आयु के बाद हड्डियां की देखभाल नहीं करने पर क्षरण की प्रक्रिया तेज हो सकती है। इससे घुटनों व शरीर के अन्य जोड़ों में दर्द जैसी कई समस्याएं सामने आ सकती हैं। इन समस्याओं से निपटने के लिए शरीर को कैल्शियम की बहुत ही आवश्यकता होती है।
हड्डी रोग विशेषज्ञों क अनुसार हड्डियों और दांतों के सही विकास के लिए दूध और दूध से बनी वस्तुओं जैसे, पनीर और हरी पत्तेदार सब्बिजयों का सेवन करें, इनमें कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है। हड्डियों की मजबूती के लिए सिर्फ कैल्शियम लेने से काम नहीं चलेगा। शरीर बिना विटामिन डी के कैल्शियम का सही इस्तेमाल नही कर पाता है। धूप विटामिन डी का प्राकृतिक स्रोत है। रोजना 15 मिनट धूप में बैठने भर से शरीर को भरपूर विटामीन डी मिल जाती है।
शरीर के लिए किसी भी खाद्य पदार्थ की अधिकता अच्छी नहीं है, और यह बात प्रोटीन लेने पर भी लागू होती है। अत्यधिक प्रोटीन शरीर में पीएच बैलेंस को बदल देती है, जिससे शरीर में एसिडिक वातावरण बनता है, जिससे हड्डियां कमजोर होती हैं। इसके साथ ही अधिक नमक के सेवन से भी नुकसान होता है। एक सामान्य मनुष्य को प्रतिदिन 23 सौ मिलीग्राम नमक से ज्यादा नहीं खाना चाहिए। अधिक मात्रा में सोडियम लेने से यह हड्डियों की मजबूती पर विपरीत असर डालता है।
इसमें साथ ही अधिक मात्रा मंे कैफीन और सोडे का सेवन शरीर की कैल्शियम जज्ब करने की क्षमता को कम करता है। आप जितनी अधिक मात्रा में कैफीन और सोडा लेंगे शरीर उतनी ही अधिक कैल्शियम को शरीर से मूत्र के माध्यम से बाहर भेज देती है।