वाराणसी: गुजरात में सरदार सरोवर बांध के पास बुधवार को लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा के लोकार्पण कार्यक्रम में भाग लेने के लिए अपना दल (एस) के सैकड़ों कार्यकर्ता मंगलवार को वाराणसी से एकता ट्रेन से रवाना हुए। वाराणसी, मिर्जापुर और पड़ोसी जिलों के कार्यकर्ताओं के लिए विशेष ट्रेन को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने कैंट स्टेशन से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
अनुप्रिया पटेल और अपना दल (एस) के राष्ट्रीय अध्यक्ष आशीष सिंह पटेल ट्रेन में सवार होकर वाराणसी से मिर्जापुर पुहंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 अक्तूबर को प्रतिमा राष्ट्र को समर्पित करेंगे। बुधवार को केंद्रीय मंत्री और पार्टी अध्यक्ष भी गुजरात पहुंचेंगे।
अनुप्रिया ने कहा कि दुनिया में किसी महापुरुष की सबसे ऊंची प्रतिमा के लोकार्पण के अवसर के लिए उनकी पार्टी और डॉ. सोनेलाल पटेल फाउंडेशन ने फैसला किया है कि प्रदेश के किसान और नौजवान गुजरात जाएंगे और इसके साक्षी बनेंगे।
अनुप्रिया ने कहा कि 31 अक्तूबर का दिन खास है। देश को एक सूत्र में पिरोने वाले पहले सरदार पटेल का जन्म इसी दिन हुआ था। उत्तर प्रदेश के लोगों को इस कार्यक्रम से सीधे जोड़ने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया।
ट्रेन निर्धारित समय सुबह नौ बजे के बजाए आधे घंटे देरी से रवाना हुई। ट्रेन के 16 कोच में महिलाएं और बच्चे भी सवार थे। ट्रेन चुनार, मिर्जापुर, प्रयागराज, प्रतापगढ़, रायबरेली, लखनऊ, कानपुर, पुखरायां, उरई, झांसी होते हुए आणंद पहुंचेगी। बाद में यही ट्रेन सरदार पटेल के पैतृक गांव करमसद भी जाएगी।
इस मौके पर शहर उत्तरी के भाजपा विधायक रवींद्र जायसवाल और सेवापुरी से अद (एस) विधायक नील रतन पटेल नीलू के अलावा एडीआरएम रवि प्रकाश चतुर्वेदी, स्टेशन डायरेक्टर आनंद मोहन सिंह भी मौजूद रहे।
उत्तर प्रदेश में हार्दिक पटेल के प्रभाव बढ़ाने की कोशिशों की देखादेखी अपना दल (एस) ने यूपी के साथ-साथ गुजरात के पटेल समुदाय पर नजर टिका दी है। काशी से लेकर गुजरात के आणंद तक पटेलों को साधने के लिए वाराणसी कैंट स्टेशन से विशेष ट्रेन चलाई गई है।
डॉ. सोनेलाल पटेल फाउंडेशन की ओर से ट्रेन ले जाने का उद्देश्य जनाधार के साथ अगले लोकसभा चुनाव में सीटों की हिस्सेदारी बढ़ाना है। दूरगामी रणनीति के तहत अपना दल (एस) के कार्यकर्ताओं के अलावा सरदार वल्लभ भाई पटेल में आस्था रखने वाले अन्य समाज के प्रतिष्ठित लोगों को भी इस ट्रेन के यात्रियों में शामिल किया गया है।