नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त और कारपोरेट मामलों के मंत्री श्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में आज नई दिल्ली में वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (एफएसडीसी) की 19वीं बैठक हुई। श्री अरुण जेटली ने वर्तमान वैश्विक और घरेलू आर्थिक स्थिति तथा वित्तीय क्षेत्र के कामकाज की समीक्षा की। परिषद में वास्तविक ब्याज दर, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों तथा म्युचुअल फंड में क्षेत्रवार तरलता स्थिति जैसे अनेक विषयों पर चर्चा हुई। परिषद ने निर्णय लिया कि नियामक संस्था और सरकार स्थिति पर निगरानी रखेगी और सभी आवश्यक कदम उठाएगी।
एफएसडीसी की बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर डॉ. उर्जित आर.पटेल, वित्त और राजस्व सचिव डॉ. हंसमुख अधिया, आर्थिक कार्य विभाग के सचिव श्री सुभाष चंद्र गर्ग, वित्तीय सेवा विभाग के सचिव श्री राजीव कुमार, कारपोरेट मंत्रालय के सचिव श्री इनजेती श्रीनिवास, इलेक्ट्रोनिक्स तथा सूचना प्रौद्योगिक मंत्रालय के सचिव श्री अजय प्रकाश साहनी, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड केअध्यक्ष श्रीअजय त्यागी, बीमा नियामक तथा विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री सुभाष चंद्र खुंटिया, पेंशन फंड नियामक विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री हेमंत जी कंट्रैक्टर, दीवाला और दिवालियापन बोर्ड के अध्यक्ष श्री एमएसस साहू तथा वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
एफएसडीसी की बैठक में वैधानिक ढांचे के अंतर्गत वित्तीय क्षेत्र में कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉस टीम के गठन में प्रगति सहित वित्तीय क्षेत्र में साइबर सुरक्षा को मजबूत बनाने पर चर्चा हुई। परिषद ने वित्तीय क्षेत्र में महत्वपूर्ण सूचना ढांचे की पहचान करने और उन्हें प्राप्त करने की आवश्यकता पर भी चर्चा की।
परिषद ने गुप्त (क्रिप्टो) परिसंपत्ति/ मुद्रा की चुनौतियों पर भी चर्चा की। परिषद को इस विषय पर सचिव (आर्थिक कार्य) की अध्यक्ष में उच्च समिति द्वारा की गई चर्चा की जानकारी दी गई ताकि निजी क्रिप्टो मुद्रा पर पाबंदी के लिए उचित कानूनी ढांचा तैयार किया जा सके और 2018-19 के बजट में घोषित वितरित खाता टैक्नोलॉजी के उपयोग को बढ़ावा दिया जा सके।