16.4 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

गांधी एवं शास्त्री जी के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए श्रद्धांजली देते हुएः मा0 खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री हरीश चन्द्र दुर्गापाल

उत्तराखंड

देहरादून: पल्टन बाजार स्थित गांधी आश्रम में महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री जंयती के अवसर पर मा0 खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री हरीश चन्द्र दुर्गापाल द्वारा गांधी एवं शास्त्री जी के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए श्रद्धांजली दी।मा0 मंत्री ने इस अवसर पर सूत कात कर अपने सम्बोधन में कहा कि आज जहां सम्पूर्ण विश्व में हिंसा, अत्याचार, अन्याय, गरीबी, आतंकवाद जैसी बुराईयों से त्रस्त है, ऐसे में गांधी जी द्वारा बताये गये सत्य, अंहिसा, प्रेम, सदाचार जैसी विचारों की दुनिया में शांति एवं सुरक्षा हेतु सख्त आवश्यकता है, इसी कारण दिनों-दिन गांधी जी की विचारधारा और अधिक यथार्त व प्रासंगिक होती जा रही है। उन्होने कहा कि आज दुनिया को बन्दूक व विनाशक हथियारों की नही वरन न्याय, समानता, भाईचारा तथा सद्भाव जैसे उच्च प्रतिमानों की आवश्यकता है।
मा0 मंत्री ने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री जी का जीवन सत्य, सादगी व अनुशासन की प्रेरणा देता है, उन्होने एक निर्धन किसान परिवार में जन्म लेकर संघर्ष करते हुए देश के प्रधानमंत्री तक के पद की यात्रा तय की तथा देश का कुशल नेतृत्व किया उनके द्वारा देश हेतु दिया गया योगदान अविस्मरणीय है। उन्होने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि के नाम से इसलिए जाना जाता है कि यहां सभी धर्मो का संगम स्थित है, जो देश की एकता व अखण्डता एवं समृद्धि का प्रतीक है।
इस अवसर पर उन्होने खादी वस्त्रों की बिक्री पर 10 प्रतिशत् की छूट की घोषणा करते हुए कहा कि हमें खादी वस्त्रों की प्रति लोगों के रूझान आकर्षित करने हेतु प्रचार-प्रसार एवं आवश्यक डिजाईनिंग बढाये जाने पर बल देना चाहिए दिया।
उन्होने कहा कि इन महापुरूषों को हमारी सच्ची श्रद्धांजली इस बात में निहित होगी कि हम उनके विचार व आदर्शों को अपने जीवन में कितना आत्मसात कर पातें है।
इस अवसर पर उपस्थित विधायक/सलाहकार मुख्यमंत्री सुन्दरलाल मन्द्रवाल द्वारा गांधी जी व शास्त्री जी के संघर्षों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि दोनो महाविभूतियों ने अपना सम्पूर्ण जीवन लोंगो की सेवा व राष्ट्रहित में अर्पित किया।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More