लखनऊ: प्रदेश के उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि सहकारिता एक समुद्र है, इसमें सब कुछ समाया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में जब से सरकार बनी है तब से निरन्तर आम जनता के हितार्थ योजनायें संचालित करते हुए गरीब, किसान, मजदूर आदि व्यक्तियों को लाभान्वित किये जाने का काम किया जा रहा है।
यह बातें श्री मौर्य आज यहां सहकारिता भवन के चैधरी चरणसिंह सभागार में 65वें अखिल भारतीय सहकारी सप्ताह-2018 पर आयोजित ‘‘को-आपरेटिव मार्केटिंग प्रोसेसिंग एण्ड स्टोरेज’’ विषयक राज्य स्तरीय गोष्ठी का शुभारम्भ करते हुए व्यक्त किये। उन्होंने देश के अन्नदाताओं के हितों की रक्षा करने तथा उनके उत्पादन का उचित मूल्य दिलाये जाने में सहकारिता के माध्यम से वैज्ञानिक भण्डारण किये जाने तथा विपणन प्रणाली को मजबूत किये जाने पर बल दिया।
इस अवसर पर गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए प्रदेश के सहकारिता मंत्री श्री मुकुट बिहारी वर्मा ने कहा कि किसानों के आर्थिक विकास के लिए सहकारिता एक सशक्त माध्यम रहा है। वर्तमान सरकार में सहकारी सुविधाओं के विस्तार और प्रक्रिया के सरलीकरण का परिणाम है कि सहकारिता आन्दोलन को प्रदेशव्यापी आयाम दिया जा सका, जिससे प्रदेश में आर्थिक सम्पन्नता का विकास हो रहा है। उन्होंने कहा कि विगत 15 वर्षों से सहकारी समितियों में सामान्य निकाय की बैठकें नहीं करायी गयी। वर्तमान सरकार जीरो टाॅलरेन्स की नीति पर कार्य कर रही है जिसको ध्यान में रखते हुए सभी सहकारी समितियों को अनिवार्य रूप से दिसम्बर, 2018 तक बैठक कराये जाने के निर्देश दिये गये हैं। इससे जहां एक ओर सहकारी समिति की वित्तीय स्थिति की जानकारी हो सकेगी, वहीं दूसरी ओर समयबद्ध बैलेंसशीट का आडिट सम्भव होगा। उन्होंने कहा कि किसान अन्नदाता है, किसानों की मदद हर सम्भव की जानी चाहिए। हमारे देश की अर्थव्यवस्था में कृषि का महत्वपूर्ण योगदान है तथा प्रदेश एवं केन्द्र सरकार द्वारा किसानों के हितों में लिये गये फैसलों तथा अच्छे मानसून के कारण वर्ष 2017-18 में रिकार्ड खाद्यान्न का उत्पादन हुआ है। उ0प्र0 को-आपरेटिव बैंक लि0 द्वारा प्रदेश के गन्ना किसानों को उनकी फसल के मूल्य का समय से भुगतान करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की जा रही है। कृषि उपज का उचित मूल्य प्राप्त करने में सहकारी विपणन की एक महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। किसानों की उपज की खरीद प्राथमिक स्तर पर सहकारी विपणन समितियों द्वारा किये जाने पर किसानों की आय में वृद्धि की जा सकेगी। यद्यपि इस दिशा में राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड) को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।
गोष्ठी में प्रमुख सचिव, सहकारिता श्री एम.वी.एस. रामीरेड्डी ने सहकारिता के माध्यम से उत्तम उत्पादन एवं विपणन, प्रसंस्करण एवं भण्डारण के क्षेत्र में अपना उत्कृष्टतम प्रदर्शन परिलक्षित करने के लिए कार्य प्रणाली में सुशासन, नेतृत्व तथा सुधारों को लागू किये जाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि गन्ना कृषकों को उनकी उपज का मूल्य समय से उपलब्ध कराये जाने में उ0प्र0 को-आपरेटिव बैंक की एक महत्वपूर्ण भूमिका है तथा उन्नत किस्म की पैदावार हेतु आधुनिक तकनीकी को अपनाते हुए खेती किये जाने की भी नितान्त आवश्यकता है।
इस अवसर पर उ0प्र0 को-आपरेटिव बैंक लि0 के प्रबन्ध निदेशक श्री भूपेन्द्र कुमार ने किसानों के उत्थान में सहकारी बैंकों की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सहकारी बैंकों द्वारा किसानों को फसली ऋण तथा गन्ना किसानों को उनकी उपज का मूल्य भुगतान करने में किये जा रहे योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि सहकारी विपणन को मजबूत बनाकर किसानों की आय में वृद्धि की जा सकती है। गोष्ठी के समापन अवसर पर उ0प्र0 को-आपरेटिव बैंक लि0 के सभापति श्री तेजवीर सिंह ने समस्त अतिथियों एवं वक्ताओं को धन्यवाद ज्ञापित किया।