लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती विमला बाथम ने आज प्रातः 11ः45 बजे नारी बन्दी निकेतन लखनऊ तथा जिला कारागार के महिला प्रकोष्ठ का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने वहां निरूद्ध संवासी महिलाओं/किशोरियों से वार्ता कर उनके रहन-सहन, खान-पान, चिकित्सा एवं उनको दिलाये जा रहे रोजगारपरक प्रशिक्षण (सिलाई-कढ़ाई) के सम्बन्ध में सम्बन्धित अधिकारियों से जानकारी ली।
नारी बन्दी निकेतन की जेलर श्रीमती नयनतारा बैनर्जी द्वारा अवगत कराया गया कि महिलाओं के आर्थिक स्वावलम्बन हेतु कारागार के अन्दर सेनेटरी नैपकिन का प्लांट लगाया गया है, जिसमें काम करने वाली महिला बन्दियों को कार्य के अनुसार पारिश्रमिक भी दिया जाता है। साथ ही कारागार के अन्दर किये जाने वाले कार्य यथा भोजन बनाने, सफाई करने के लिए महिलाओं को दैनिक भत्ता दिया जाता है, जिस हेतु महिलाओं के खाते भी खुलवाये गये हैं। उन्होंने अध्यक्षा को अवगत कराया कि बन्दी निकेतन में वर्तमान में निरूद्ध महिलाओं की संख्या 231 एवं 10 बच्चे हैं।
निरीक्षण के दौरान अध्यक्ष महोदया ने प्रभारी महिला बैरक जिला कारागार लखनऊ को निर्देश दिया कि महिला बन्दी गृह में निरूद्ध ऐसी महिलायें जो पैरवी अथवा तकनीकी कारणों से रिहा नहीं हो पा रही हैं, उनके सम्बन्ध में एक विस्तृत विवरण आयोग तथा शासन को उपलब्ध कराये जिससे महिलाओं को त्वरित न्याय दिलाया जा सके। उन्होंने महिला बन्दियों के परिजनों से मुलाकात की व्यवस्था को और बेहतर करने का निर्देश भी दिया तथा इसके लिए उन्होने वरिष्ठ कारागार अधीक्षक को पर्याप्त सुरक्षा-व्यवस्था के अन्तर्गत महिलाओं को उनके परिजनों से एक कक्ष में मुलाकात कराने की व्यवस्था कराने को कहा। एक अन्डर ट्रायल महिला बन्दी द्वारा पैसों के अभाव में जमानत न हो पाने के बारे में बताया गया, जिसके संदर्भ में वरिष्ठ कारागार अधीक्षक से नियमानुसार आवश्यक सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये। निरीक्षण के दौरान अध्यक्ष के साथ आयोग की सदस्य श्रीमती मनोरमा शुक्ला भी उपस्थित रही।