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मुख्यमंत्री ने चीनी मिलों के संचालन तथा गन्ना खरीद व भुगतान के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक की

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि गन्ना किसानों का हित और चीनी मिलों का सुदृढ़ीकरण राज्य सरकार की प्राथमिकता है। किसी भी स्तर पर किसानों का उत्पीड़न नहीं होने दिया जाएगा। राज्य सरकार चीनी उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए हर सम्भव मदद उपलब्ध कराएगी। उन्होंने अधिकारियों को निजी चीनी मिलों के स्तर पर बकाए गन्ना मूल्य भुगतान के सम्बन्ध में संवाद स्थापित करते हुए तेजी लाए जाने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री जी कल देर रात्रि अपने सरकारी आवास पर चीनी मिलों के संचालन तथा गन्ना खरीद व भुगतान के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक कर रहे थे। उन्होंने इनकेे सम्बन्ध में अद्यतन जानकारी प्राप्त करते हुए कहा कि इस वर्ष 121 चीनी मिलों का संचालन किया जाना है। इनमें से 85 चीनी मिलें संचालित हो चुकी हैं तथा शेष चीनी मिलें 25 नवम्बर, 2018 तक संचालित कर दी जाएं। उन्होंने कहा कि 02 नई चीनी मिलें पिपराइच व मुण्डेरवा फरवरी, 2019 में गन्ना पेराई कार्य शुरू करेंगी। उन्होंने पिपराइच चीनी मिल के कार्य की प्रगति पर सन्तोष जताते हुए कहा कि समयबद्ध ढंग से चीनी मिलों का संचालन सुनिश्चित किया जाए। इस सम्बन्ध में आ रही दिक्कतों को प्राथमिकता के आधार पर दूर किया जाए।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बकाये गन्ना मूल्य का भुगतान हर हाल में सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि गन्ना पर्ची वितरण में किसी प्रकार की धांधली व शिकायत नहीं प्राप्त होनी चाहिए। इस वर्ष से गन्ना पर्ची वितरण की नई व्यवस्था लागू की गई है। किसानों को पारदर्शिता के आधार पर पर्ची की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए और उनका शोषण न होने पाए। उन्होंने कहा कि गन्ना क्रय केन्द्रों तथा चीनी मिलों पर घटतौली रोके जाने की प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि गन्ना क्रय केन्द्रों का निरीक्षण सुनिश्चित हो। यह भी देखा जाए कि किसानों को क्रय केन्द्रों तथा मिलों तक गन्ना पहुंचाने में कोई परेशानी न हो।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि चीनी मिलों द्वारा पेराई सत्र 2017-18 के कुल देय गन्ना मूल्य 35,463 करोड़ रुपए के सापेक्ष 28,633 करोड़ रुपए का गन्ना मूल्य भुगतान किया जा चुका है। अवशेष 6,830 करोड़ रुपए का भुगतान शीघ्रता से सुनिश्चित किया जाए।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बकाया गन्ना मूल्य के भुगतान हेतु राज्य सरकार द्वारा सरल ब्याज पर 4000 करोड़ रुपए के ऋण की व्यवस्था की गई है, जिसके अन्तर्गत चीनी मिलों द्वारा आवेदन बैंकों में प्रस्तुत कर दिए गए है। शासन द्वारा प्रथम किश्त में 1000 करोड़ रुपए अवमुक्त किया गया है।

प्रमुख सचिव चीनी मिलें एवं गन्ना आयुक्त श्री संजय भूसरेड्डी ने मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया कि स्टेट लीड बैंक के माध्यम से प्राप्त सूचना के अनुसार चीनी मिलों के 3,873 करोड़ रुपए के 64 प्रार्थना पत्र बैंकों को प्राप्त हो चुके हैं। बैंकों द्वारा मूल्यांकन उपरान्त स्वीकृति पत्र निर्गत कर धनराशि की मांग करते ही धनराशि सम्बन्धित बैंकों को अवमुक्त कर दी जाएगी। अब तक 994.61 करोड़ रुपए के ऋण प्रार्थना-पत्र स्वीकृत किए जा चुके हैं।

इसी प्रकार चीनी मिलों द्वारा खरीदे गए गन्ने पर 4.50 रुपए प्रति कुन्तल की दर से 500 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता भी राज्य सरकार द्वारा प्रदान की गई है। इसके अन्तर्गत प्रथम किश्त में 160 करोड़ रुपए अवमुक्त किए गए हैं, जिसका भुगतान प्रक्रियागत है। अगले एक सप्ताह में एस्क्रो एकाउण्ट के माध्यम से गन्ना किसानों के खाते में यह धनराशि हस्तान्तरित कर दी जाएगी।

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