देहरादून: रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ 7 दिवसीय राज्यस्तरीय 68वाॅ औद्योगिक विकास एवं सांस्कृतिक गौचर मेले का आगाज हो गया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गौचर पहुॅचकर गौचर मेले का शुभारंभ किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने 105 करोड़ 91 लाख, 96 हजार की विभिन्न विकास योजनाओं का लोकापर्ण एवं शिलान्यास कर क्षेत्र को बडी सौगात दी। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रथम विक्टोरिया क्राॅस से सम्मानित दरवान सिंह नेगी एवं देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के चित्रों पर माल्यर्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। तथा वयोवद्व स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी बख्तावर सिंह बिष्ट को स्मृति चिन्ह एवं शाॅल भेंट कर सम्मानित किया। इस इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने गौचर मेले की स्मारिका का भी विमोचन किया।
गौचर मेला क्षेत्र में आम जनता को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि मेले हमारे संस्कृतिक पहचान के द्योतक है। बदलते समय के साथ-साथ मेलों के स्वरूप में जो बदलाव लाया गया है, वह अपने आप में काबिले तारीफ है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने ढेड साल में भ्रष्टाचार पर प्रभावी अंकुश लगाया है। उन्होंने भ्रष्टाचार को जड़ से समाप्त करने के लिए निचले स्तर तक कार्य करने को कहा। कहा कि आम आदमी को आसानी से सरकारी की योजनाओं का लाभ मिले, इसके लिए सरकार ने 362 सेवाओं के लिए समय सीमा निर्धारित की गई है। इसके लिए ब्लाक, तहसील एवं मुख्यालय के कार्यालयों पर सूचना चस्पा करने कहा। उन्होंने कहा कि इसमें लापरवाही पर दण्ड का प्राविधान भी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रकृति ने हमारे चारों ओर आपार संपदा विखेरी हुई है। राज्य में अनेक जड़ी बूटियां पाई जाती है। राज्य सरकार ने कीड़ा जड़ी दोहन को वैधानिक स्वरूप देकर नीति बनाई है, ताकि कीड़ा जड़ी का दोहन करने वाले लोगों को इसका लाभ मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की आर्थिकी को बढाने के लिए देश-विेदेश के पर्यटकों को राज्य के प्रति आकर्षित करने की आवश्यकता है, ताकि राज्य के नौजवानों को अपने घर में रोजगार मिल सके। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने आॅलवेदर रोड, उडान योजना और ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना की सौगात देकर राज्य में विकास की आपार सम्भावनाऐं पैदा कर दी है। आने वाले समय में देश विदेश से लाखों पर्यटक व श्रृ़द्वालु हमारे र्तीथ व पर्यटक स्थलों पर पहुॅचेंगे इससे राज्य की आर्थिकी बढेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चीड़ भविष्य में उत्तराखण्ड के लिए वरदान साबित होगा। चीड से सौन्दर्य, सेंट, तेल आदि सहित लगभग 143 विभिन्न प्रकार के वस्तुयें तैयार किये जा रही है। चीड के पेड से तैयार होने वाले उत्पादों के लिए बागेश्वर में प्लांट भी स्थापित किया गया है। उन्होंने जिलाधिकारी को मेले के दौरान पिरूल से तैयार होने वाले विभिन्न उत्पादों के बारे में महिलाओं और नौजवानों को जानकारी उपलब्ध कराने तथा जनपद में महिला स्वयं सहायता समूह तैयार करने को कहा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने गौचर में स्टैडियम निर्माण के लिए प्रोजेक्ट तैयार करने, मंनोरजन के लिए गापेश्वर नगर में 80 से 100 सीटर थियेटर की स्थापना कराने, जीआईसी कर्णप्रयाग से पाडुली-पलेठी मो0मार्ग निर्माण, लोनिवि अस्थाई खण्ड गौचर को निर्माण खण्ड गौचर बनाने, बीसी दरवान सिंह के गांव सैंज-खैतोली में मैदान विस्तारीकरण की घोषणा की। वही उन्होंने चमोली की पर्यटन पर बनाई गई सूक्ष्म आडियो-वीडियों फिल्म में शानदार राॅक संगीत देने वाले महेन्द्र तथा फायर पेंन्ट कार्यक्रम में सिर्फ 7 मिनट में पेन्टिग कर अपनी कला का शानदार प्रदर्शन करने पर कलाकार रविनडे को 31-31 हजार रुपये पुरस्कार देने की घोषाण भी की।
जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने गौचर मेले के शुभारंभ करने पर मुख्यमंत्री का हार्दिक अभिनंदन एवं आभार व्यक्त किया। मेले में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि इस बार राज्य स्तरीय बाक्सिंग प्रतियोगिता तथा राइफल सूटिंग प्रतियोगिता का आयोजन मेले में किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लोक संस्कृति पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न कार्यक्रमों को भी शामिल किया गया है। मेले में फूड फेस्टिवल, मास्टर सिप प्रतियोगिता, फिल्म फेस्टिवल तथा ट्रेड फेयर के लिए तीन सौ से अधिक दुकाने लगाई गई है। एडवेंचर एक्टिविटी को बढावा देने के लिए हाॅट वलूनिंग, पैरासूट आदि कार्यक्रम शामिल किये गये है।
इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक सुरेन्द्र सिंह नेगी, नवनिर्वाचित नगर पंचायत अध्यक्षा अंजू बिष्ट ने सभी क्षेत्रवासियों की ओर से मुख्यमंत्री का हार्दिक अभिनंदन एवं स्वागत किया तथा क्षेत्र की समस्या से अवगत कराते हुए अपना मांग पत्र भी दिया। मेले के उद्घाटन के दौरान स्थानीय स्कूली बच्चों एवं सांस्कृतिक दलों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गयी।