लखनऊ: आधुनिकता जरूरी है लेकिन आधुनिकता के साथ साथ हमें अपनी विरासत और संस्कृति के साथ तारतम्य बनाकर आगे चलना होगा। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने आज डाॅ राम मनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय में उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान, थिंक इण्डिया एवं कलाम मंच के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 3 दिवसीय (26 नवंबर से 28 नवंबर 2018 ) साहित्य महोत्सव ‘शब्द रंग’ के समापन के अवसर पर यह विचार व्यक्त किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि साहित्य महोत्सव ‘शब्द रंग’ में आए हुए छात्र छात्राओं को बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। भारत नौजवानों का देश है, भारत की कुल जनसंख्या का 50 प्रतिशत से अधिक आबादी युवा है। जहां विश्व के विभिन्न देश अपनी बुजुर्ग आबादी की बढ़ती हुई जनसंख्या की समस्या से ग्रसित हैं वहीं भारत को अपनी नौजवान आबादी का बहुत बड़ा लाभ है। भारत का यही नौजवान आबादी बदलती हुई दुनिया के साथ भारत को विश्व मंच पर आगे ले जाएगा। उन्होंने कहा कि समाज एक समूह है जिसमें लोगों को एक दूसरे के हितों का चिंतक होना चाहिए और एक दूसरे के आवश्यकताओं की पूर्ति में ही अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति और लक्ष्य बनाकर चलना चाहिए।
उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने कहा कि आज का समय नई तकनीकी का युग है, आज लोगों की सोच बदल रही है, ऐसे में यह जानना जरूरी है कि देश की नौजवान आबादी की प्राथमिकता क्या हैं और उनकी प्राथमिकताओं के हिसाब से ही उनकी आवश्यकताओं को पूरा किए जाने का प्रयास किया जाए। समय के परिवर्तन के साथ पढ़ाई के उपक्रम और पठन-पाठन की प्रणाली में बदलाव आया है।
डॉ शर्मा ने कहा कि भारत विश्व गुरु रहा है। पहले जहां भारत की गुणवत्ता परक शिक्षा व्यवस्था से प्रभावित होकर विश्व के लोग तक्षशिला और नालंदा जैसे विश्वविद्यालय में पढ़ने आते थे वहीं आज भारतीय लोग विश्व के विभिन्न संस्थानों में पढ़ने के लिए जाते हैं, जरूरी है कि इस मानसिकता को परिवर्तित करके भारत को पुनः विश्व गुरु के रूप में स्थापित कर एक नए भारत का निर्माण करना है।
उप मुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार रोजगार परक शिक्षा दिलाने की दिशा में हर संभव प्रयास कर रही है। इसी को दृष्टिगत रखते हुए सरकार प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में 2700 कौशल विकास केंद्र खोले जाने दिशा में काम कर रही है।