लखनऊः उत्तर प्रदेश सरकार ने जनपद सीतापुर में जैव ऊर्जा उद्यम प्रोत्साहन के तहत जैव ऊर्जा इकाई की स्थापना के लिए मैसर्स सनलाईट फ्यूल्स लि0, ग्रेटर कैलाश-02, नई दिल्ली को कतिपय शर्तों के साथ वित्तीय सहायता सुलभ कराने के लिए लेटर आॅफ कम्फर्ट निर्गत करने की स्वीकृति प्रदान कर दी है।
अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत विभाग के प्रमुख सचिव, आलोक कुमार ने इस सम्बन्ध में जारी आदेश मेें कहा है कि मैसर्स सनलाईट फ्यूल्स लि0, को परियोजना स्थापना हेतु भूमि के क्रय के लिए स्टाम्प ड्यूटी में छूट दी जायेगी। यह छूट उद्यमी/कम्पनी से स्टाम्प ड्यूटी के समतुल्य बैंक गारण्टी प्राप्त करने के बाद दी जायेगी। उन्होंने कहा कि परियोजना की स्थापना के बाद तीन माह तक इकाई के नियमित संचालन के उपरान्त स्वीकृत पूँजीगत उपादान की धनराशि सम्बन्धी उद्यमी/कम्पनी को अन्तरित होगी। यह धनराशि अधिकतम 150 करोड़ रूपये की होगी।
प्रमुख सचिव के अनुसार सम्बन्धित उद्यमी/कम्पनी को उत्पाद पर लगने वाली एसजीएसटी की शत-प्रतिशत प्रतिपूर्ति आगामी 10 वर्षों तक अथवा परियोजना के समय निवेश के समतुल्य मूल्य की सीमा तक जो भी पहले होगी, अनुमन्य होगी। उन्होंने कहा कि स्थिर पूँजी निवेशकों अधिकतम सीमा सहित 10 सालों की अवधि तक उत्पादन के रूप में, परियोजना लागत का 15 प्रतिशत अथवा अधिकतम 150 करोड़ रूपये पूँजीगत उत्पादन और भूमि हेतु स्टाम्प ड्यूटी की छूट बैंक गारण्टी के विरूद्ध वित्तीय सुविधा देय होगी। निवेशकर्ता को यह वित्तीय सुविधा परियोजना पूर्ण होने के उपरान्त तीन माह तक सफलतापूर्वक वाणिज्यिक उत्पादन करने पर दिया जायेगा।
प्रमुख सचिव ने कहा कि जैव अपशिष्टों के समुचित प्रबन्धन और उसमें निहित ऊर्जा का पर्यावरण के अनुकूल तरीके से जैव ऊर्जा के दोहन करने पर विशेष ज़ोर दिया गया है। प्रदेश के आर्थिक विकास एवं स्वरोजगार अवसरों के सृजन के लिए जैव ऊर्जा उद्यम को प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जैव ऊर्जा परियोजना उत्पादन इकाइयों को स्थापित करने का कार्य उद्यमिता मोड में कार्य करने का प्राविधान किया गया है। इस योजना के क्रियान्वयन के लिए उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण (यूपीनेडा) को कार्यदायी संस्था नोडल एजेन्सी नामित किया गया है।