देहरादून: विकास भवन में जिलाधिकारी रविनाथ रमन ने कि माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण तथा कल्याण केन्द्रीय अधिनियम 2007 तथा उत्तरखण्ड नियमावली 2011 को जनपद मे प्रभावी रूप से अनुपालन हेतु आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए निर्देश दिये भरण पोषण अधिनियम का जनपद में प्रभीवी ढंग से लागू किया जाये।
उन्होने निर्देश दिये कि उप जिलाधिकारी/अध्यक्ष भरण पोषण अधिकरण सम्बन्धित उपखण्ड (परगना) स्तर पर 60 वर्ष से अधिक उम्र तक के वरिष्ठ नागरिक/माता पिता को आहार, स्वास्थ्य, देख-रेख, आमोद-प्रमोद केन्द्रों व अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करें। उन्होने निर्देश दिये कि यदि कोई बेटा/सम्बन्धी जो वरिष्ठ नागरिक/माता पिता की सम्पत्ति का वारिस हो के द्वारा उनका भरण-पोषण न किये जाने की दशा में सम्बन्धित उप जिलाधिकारी/अध्यक्ष भरण पोषण अभिकरण उनके विरूद्ध सम्पत्ति कुर्क करके उससे प्राप्त आय की नियमानुसार हिसा सम्बन्धित वरिष्ठ नागरिक/माता पिता को उपलब्ध करायें तथा भरण पोषण की राशि अधिकतम 10 हजार रू0 का प्रावधान निहित है।
जिलाधिकारी द्वारा वरिष्ठ नागरिकों के भरण पोषण तथा कल्याण अधिनियम के तहत जनपद के समाज कल्याण अधिकारी को भरण-पोषण अधिकारी नियुक्त करने तथा उत्तम सेवाकाल वाले अधिकारी को सुलह अधिकारी के रूप में नियुक्त करने के लिए एक पैनल गठित करने के निर्देश दिये। उन्होने समाज कल्याण अधिकारी को भरण-पोषण के आवेदन पत्र प्रदान करने तथा उनका रजिस्टेªशन करने के निर्देश दिये। उन्होने कहा कि प्राप्त हुए आवेदन/प्रकरणों की सुलह अधिकारी जांच करेगा तथा सुलह न होने की दशा में प्रकरणों को जांच हेतु सम्बन्धित उप जिलाधिकारी के सम्मुख प्रस्तुत किये जायेंगे जिसका निस्तारण 90 दिन के भीतर करना अनिवार्य होगा तथा सम्बन्धित उप जिलाधिकारी/अध्यक्ष अभिकरण द्वारा दिये गये निर्णय से संतुष्ट न होने पर जिलाधिकारी कार्यालय में अपील की जा सकती है।