नई दिल्ली: केन्द्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री श्री अरुण जेटली ने राजस्व खुफिया निदेशालय को उच्च निष्ठा तथा पेशेवर मानकों को बनाये रखने और इसे एक आदर्श संगठन बनाने का आग्रह किया।
राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) के 61 वें संस्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर अपने संबोधन में श्री जेटली ने कहा कि एक आदर्श संगठन बनने के लिए प्रत्येक खुफिया एजेंसी को कुछ अति महत्वपूर्ण सिद्धांतों का पालन करना चाहिए। श्री जेटली ने आगे कहा कि जांच एजेंसियों को उच्च पेशेवर स्तर बनाए रखना चाहिए और एकमात्र उद्देश्य को ध्यान में रखना चाहिए। यह उद्देश्य है- अपराध की जांच। जांच अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी निर्दोष को नुकसान न पहुंचे, साथ ही यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि कोई दोषी बच ना जाए।
कोई एजेंसी मीडिया या समाचार में जितना कम रहेगी उतना ही उसके लिए बेहतर होगा। जांच एजेंसियों के मामले में यह कहा जा सकता है कि जब कोई खबर नहीं है तो यह अच्छी खबर है। उच्च मानकों के पालन से जांच एजेंसी की विश्वसनीयता बढ़ती है।
डीआरआई की चुनौतियों का जिक्र करते हुए श्री जेटली ने कहा कि अपनी भागौलिक स्थिति के कारण भारत, नशीली दवाओं की तस्करी से प्रभावित हुआ है। पड़ोसी देशों के कारण हम आतंकवाद से प्रभावित हुए हैं। विद्रोहियों को मदद पहुंचाने के लिए देश में अवैध हथियारों और गोला बारूद की तस्करी होती रही है। हमारी एजेंसियों के ऊपर देश को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी है।
श्री जेटली ने डीआरआई के दिवंगत अधिकारी श्री एल डी अरोडा के योगदान को रेखांकित किया, जिन्होंने कर्तव्य निर्वहन के दौरान अपने प्राणों की आहूति दे दी। डी आर आई के दो पूर्व महानिदेशकों श्री जी एस साहनी और श्री एम एल बाधवा को डीआरआई उत्कृष्ट सेवा सम्मान 2018 प्रदान किया गया।
श्री जेटली ने ‘स्मगलिंग इन इंडिया रिपोर्ट 2017-2018’का दूसरा संस्करण भी जारी किया। इस अवसर पर राजस्व सचिव श्री अजय भूषण पांडे ने कहा कि डीआरआई ने भारत के आर्थिक और भौगोलिक अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। संगठन के प्रयास से कुछ महत्वपूर्ण मामले प्रकाश में आये हैं जैसे राजस्व हानि, व्यापार-आधारित धन शोधन, बड़ी मात्रा में नशीली दवाओं, विदेशी मुद्राओं तथा जाली भारतीय नोटों को जब्त करना आदि। श्री पांडे ने कहा कि डीआरआई ने अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच प्रतिष्ठा हासिल की है।
सीबीआईसी के चेयरमैन श्री एस रमेश ने कहा कि अपनी स्थापना के 6 दशकों के दौरान डीआरआई ने तस्करी रोधी कार्रवाई की अगुवाई की है। संगठन ने अनुकरणीय साहस, संकल्प और समर्पण दिखाया है।
इससे पहले आगंतुकों का स्वागत करते हुए डीआरआई के महानिदेशक श्री देबी प्रसाद दास ने विभिन्न क्षेत्रों में डीआरआई की उपलब्धियों का ब्यौरा दिया। श्री दास ने जानकारी देते हुए कहा कि डीआरआई ने तीन नए मंडलों का गठन किया है- पूर्वोत्तर, मध्य भारत और केरल। डीआरआई के मंडलों की कुल संख्या 12 हो गयी है। उन्होंने कहा कि उत्तर पूर्व और जम्मू-कश्मीर में अपने परिचालन को सुदृढ़ करने के कारण डीआरआई ने बड़ी मात्रा में हथियार, गोला बारूद, सोना और नशीली दवाओं को जब्त किया है।