लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव कल 13 अक्टूबर, 2015 को चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सौजन्य से सिफ्सा की एम-सेहत परियोजना का शुभारम्भ करेंगे। परियोजना का मुख्य उद्देश्य फ्रंट लाइन कार्यकर्ताओं (आशा, ए0एन0एम0) का सशक्तिकरण कर राज्य में मातृ-शिशु, मृत्यु दर तथा सकल प्रजनन दर में कमी लाना है।
यह जानकारी आज यहां देते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि परियोजना के तहत मुख्यमंत्री द्वारा आशा कार्यकर्ताओं को स्मार्ट फोन भी प्रदान किए जाएंगे। इन कार्यकर्ताओं को स्मार्ट फोन से लैस करने से इनके कार्यों का प्रभावी प्रबन्धन करते हुए सेवाओं की गुणवत्ता मंे वृद्धि की जा सकेगी। स्मार्ट फोन के माध्यम से आशा तथा ए0एन0एम0 कार्यकर्ता स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर ढंग से गर्भवती माताओं तथा शिशुओं को उपलब्ध कराने में सफल होंगी। इसके अलावा पिछड़े क्षेत्रों में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सेवाओं की पहुंच लक्षित जनसंख्या तक आसानी से पहुंच सकेगी। इस प्रकार मातृ-शिशु मृत्यु व सकल प्रजनन दर में कमी आयेगी।
यह परियोजना पाइलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रदेश के पांच जनपदों-बरेली, कन्नौज, मिर्जापुर, सीतापुर तथा फैजाबाद में संचालित की जायेगी। परियोजना के अन्तर्गत 10 हजार आशा वर्कर्स, 2 हजार ए0एन0एम0, 300 चिकित्साधिकारी/प्रभारी चिकित्साधिकारियों तथा सिफ्सा कर्मियों को अच्छादित किया जाएगा।
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