17.4 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

समाज एवं राष्ट्र निर्माण में यह शिक्षण संस्थान व्यापक एवं गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने हेतु कार्य कर रहा है: सीएम योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: भारत के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद जी ने कहा कि शिक्षा विकास की कुंजी होती है। शिक्षा विकास और समाज के निर्माण की आधारशिला है। सही मायने में उसी समाज और व्यक्ति को शिक्षित माना जा सकता है, जहां प्रेम, करुणा और सद्भाव जैसे गुणों को समान महत्व दिया जाये। शिक्षा बच्चों को अच्छा इंसान बनाती है।

यह विचार आज जनपद गोरखपुर में राष्ट्रपति जी ने महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्थापक सप्ताह के समापन समारोह के अवसर पर महन्त दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किये। इस अवसर पर उन्होंने एक सप्ताह तक चलने वाली प्रतियोगिताओं के कुल 730 विजेता प्रतिभागियों में से 11 प्रतिभागियों, जिसमें गुरू गोरक्षनाथ स्वर्ण पदक-महाराणा प्रताप स्नातकोत्तर महाविद्यालय जंगल धूषण, योगी राज गंभीरनाथ स्वर्ण पदक डाॅ0 नीरज सिंह सर्वश्रेष्ठ शिक्षक, महन्त दिग्विजयनाथ स्वर्ण पदक सुश्री करिश्मा वारसी सर्वश्रेष्ठ स्नातकोत्तर छात्रा, महन्त अवेद्यनाथ स्वर्ण पदक सुश्री श्रेया त्रिपाठी सर्वश्रेष्ठ स्नातक छात्रा, महाराणा मेवाड़ स्वर्ण पदक श्री कृष्णामणि त्रिपाठी सर्व श्रेष्ठ माध्यमिक विद्यार्थी, भाषण प्रतियोगिता विजेता हिन्दी श्री मानस मिश्रा कनिष्ठ वर्ग, भाषण प्रतियोगिता संस्कृत श्री उदयांश पाण्डेय कनिष्ठ वर्ग, भाषण प्रतियोगिता अंग्रेजी सुश्री ईरानी पाण्डेय कनिष्ठ वर्ग, रामचरित मानस प्रतियोगिता सुश्री अंशिका श्रीवास्तव, श्रीमद्भगवत गीता प्रतियोगिता श्री पुनीत कुमार तथा पंडित बब्बन मिश्र पुरस्कार सुश्री अंशिका श्रीवास्तव सर्वश्रेष्ठ प्रतियोगिता प्रतिभागी को अपने हाथों पुरस्कृत करते हुए सभी प्रतिभागियों को अपनी शुभकामनाएं दीं।

राष्ट्रपति जी ने कहा कि आजादी की लड़ाई के दौरान राष्ट्रीय स्वाभिमान से जुड़ी आधुनिक शिक्षा प्रदान करने का एक अभियान शुरू हुआ। महामना मदन मोहन मालवीय द्वारा स्थापित बी.एच.यू. से लेकर ब्रह्मलीन महन्त दिग्विजयनाथ द्वारा महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना इसी शिक्षा अभियान का ज्वलन्त उदाहरण है। सन् 1932 में इस परिषद की स्थापना गोरखपुर तथा पूर्वी उ0प्र0 में शिक्षा के विकास को गति और दिशा प्रदान करने में मील का पत्थर साबित हुई है।

राष्ट्रपति जी ने कहा कि गोरखपुर में मदन मोहन मालवीय यूनिवर्सिटी आॅफ टेक्नोलाॅजी और बाबा राघव दास मेडिकल काॅलेज द्वारा तकनीकी और मेडिकल शिक्षा की सुविधा उपलब्ध करायी गयी हंै। यहां एम्स का निर्माण भी प्रगति पर है, जिसके पूरी तरह से विकसित हो जाने के बाद इस क्षेत्र में चिकित्सा और मेडिकल एजुकेशन के स्तर में वृद्धि होगी। यहां टेक्निकल, मेडिकल और प्रोफेशनल एजुकेशन के क्षेत्र में अनेक निजी संस्थान भी अपना योगदान दे रहे हैं।

राष्ट्रपति जी ने कहा कि इस परिषद के संस्थापकों ने बहुत सोच समझ कर इसे महाराणा प्रताप के नाम से स्थापित किया था। महाराणा प्रताप ने समाज के प्रत्येक वर्ग को साथ लेकर आजीवन संघर्ष करते हुए पराक्रम और बलिदान के एक ऐसे स्वर्णिम अध्याय की रचना की है, जो सदैव हम सबके लिए प्रेरणा का स्त्रोत बना रहेगा। उन्होंने कहा कि देश में युवाओं की सबसे बड़ी संख्या उत्तर प्रदेश में ही है, यह अपने आप में बहुत बड़ी सम्पदा है।

राष्ट्रपति जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश विकास की ओर अग्रसर है। प्रदेश में इन्फाॅर्मेशन टेक्नोलाॅजी और स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए नई नीति लागू की गयी है, इस नीति के तहत उ0प्र0 स्टार्टअप फण्ड, आई.टी. पाक्र्स तथा ईज़ आफ डुइंग बिजनेस के सुधारों पर विशेष जोर दिया जा रहा है, युवाओं को जाॅब क्रिएटर बनने के लिए प्रोत्साहन और सुविधाएं प्रदान की जा रही हंै। इन प्रयासों से प्रदेश के विकास में युवाओं की भागीदारी और बढ़ेगी। पूर्वान्चल के विकास के बिना प्रदेश के समग्र विकास की कल्पना नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2032 में इस परिषद का शताब्दी वर्ष मनाया जायेगा। उन्होंने आह्वान किया कि परिषद शताब्दी वर्ष तक सुविचारित योजनाओं और प्रयासों के बल पर गोरखपुर को ‘‘सिटी आॅफ नाॅलेज’’ के रूप में स्थापित करने का आप सभी संकल्प लंे।

विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक जी ने छात्र-छात्राओं को निरन्तर आगे बढ़ते रहने का संदेश देते हुए कहा कि छात्र धर्म का पालन करें, अध्ययन करने के साथ साथ व्यायाम करें, जिससे आपका स्वास्थ्य बेहतर होगा, मुस्कुराते रहंे तथा अच्छा कार्य करने वाले की तारीफ करें जिससे वह प्रोत्साहित होकर आगे बढ़ेगा, किसी की अवमानना न करें, जो भी करें उसमें और अधिक अच्छा करने का रास्ता ढूंढंे।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना से लेकर शिक्षा एवं चिकित्सा के क्षेत्र में योगदान पर प्रकाश डालते हुए बताया कि महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद प्रगति की तरफ अग्रसर है। परिषद द्वारा शिक्षा एवं समाज सेवा के लिए कार्यरत 44 संस्थान चलाये जा रहे हैं, जिसमें 50 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं विभिन्न संस्थाओं में अध्ययनरत हैं। समाज एवं राष्ट्र निर्माण में यह शिक्षण संस्थान व्यापक एवं गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने हेतु कार्य कर रहा है।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More