लखनऊ: प्रदेश के पशुधन एवं मत्स्य विकास मंत्री प्रो0 एस.पी. सिंह बघेल ने कहा कि प्रदेश को अण्डा उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है। कुक्कुट पालन, पशुपालन एवं मत्स्य पालन ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन के एक बड़े स्रोत के रूप में उभर रहे हैं। परम्परागत कृषि से इतर इन क्षेत्रों में अपार सम्भावनाएं हैं। अपनी शिक्षा एवं प्रगतिशील विचारधारा का उपयोग कर युवा पर्याप्त ट्रेनिंग के माध्यम से पशुपालन एवं कुक्कुट पालन क्षेत्रों में उन्नत एवं आधुनिक तकनीकों द्वारा बड़ा परिवर्तन ला सकते हैं।
यह विचार पशुधन मंत्री ने सेंट्रल फाॅर एग्रीकल्चर एण्ड रूरल डेवलपमेंट एवं पशुधन विभाग के तत्वावधान में आयोजित तेलीबाग स्थित राष्ट्रीय अनुवांशिक संसाधन ब्यूरो के सभागार में कुक्कुट उद्यमिता सेमिनार में व्यक्त किये। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि कुक्कुट पालन के क्षेत्र में अण्डों की मार्केटिंग, आर्गेनिक एग्स, वेस्ट मैनेजमेन्ट यूनिट लगाने की तरफ हमें बढ़ना होगा। उन्होंने पोल्ट्री व्यवसाय को संक्रमित बीमारियों से बचाने के लिए निरन्तर वैक्सीनेशन एवं निगरानी किये जाने की आवश्यकता पर बल दिया। पशुधन मंत्री ने तीन दिवसीय एक्वा-पाॅल-डेरी प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया।
सेमिनार में प्रमुख सचिव, पशुधन, मत्स्य एवं डेयरी डा. सुधीर एम. बोबड़े ने प्रदेश भर से आये कुक्कुट पालकों की समस्याओं को सुना और उन्हें दूर करने का आश्वासन दिया।
इस अवसर पर प्रदेश भर से आये 300 से ज्यादा कुक्कुट उद्यमियों ने सेमिनार में प्रतिभाग किया और अपने अनुभव साझा किये। उद्यमियों को पशुधन विभाग की विभिन्न योजनाओं की जानकारी भी दी गयी। कार्यक्रम में डा. अनीस अंसारी अध्यक्ष कार्ड, डा. एस.के. श्रीवास्तव निदेशक पशुपालन, डा. के.लाल निदेशक मत्स्य अनुवांशिक संसाधन ब्यूरो भी उपस्थित थे।