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ई-लाॅटरी में अलग-अलग श्रेणियों में कुल 815 अभ्यर्थी सफल हुये

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लकड़ी आधारित उद्योगों को आॅनलाइन लाइसेंस निर्गत किए जाने हेतु गठित राज्य स्तरीय समिति द्वारा आज ई-लाॅटरी निकाली गयी। ई-लाॅटरी में आरा मशीन श्रेणी में 636, विनियर श्रेणी में 90, विनियर एवं प्लाईवुड श्रेणी में 76, पार्टिकल बोर्ड श्रेणी में 5 एवं एम0डी0एफ या एच0डी0एफ $ पार्टिकल बोर्ड श्रेणी में 8 अभ्यर्थी सफल हुए। एम0डी0एफ व एच0डी0एफ श्रेणी में कोई अभ्यर्थी सफल नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि सफल आवेदकों की सूची लकड़ी आधारित उद्योगों के वेब पोर्टल पर अपलोड की गई है।

       यह जानकारी प्रमुख सचिव वन, श्रीमती कल्पना अवस्थी ने आज वन विभाग मुख्यालय के परिजात कक्ष में आहूत ई-लाॅटरी के दौरान दी। उन्होंने कहा कि राज्य स्तरीय समिति द्वारा प्रदेष में प्रकाश्ठ की उपलब्धता के आधार पर 08 श्रेणियों-आरामषीन, विनियर, प्लाईवुड, विनियर एवं प्लाईवुड, चीपर, एम0डी0एफ व एच0डी0एफ0, पार्टिकल बोर्ड एवं एम0डी0एफ व एच0डी0एफ0 $ पार्टिकल बोर्ड में नये लाइसेंस जारी करने का निर्णय लिया गया। समिति द्वारा प्लाईवुड एवं चीपर श्रेणियों में प्रकाश्ठ के खपत की मात्रा नगण्य होने के कारण उक्त श्रेणियेां के समस्त पात्र आवेदकों को प्लाईवुड एवं चीपर श्रेणियों का लाइसेंस आफर करने का निर्णय लिया गया।

       उन्होंने कहा कि षेश 06 श्रेणियों में प्राप्त आवेदनों के अनुसार प्रकाश्ठ की मांग, उपलब्ध प्रकाश्ठ की मात्रा से अधिक है। अतएव प्रत्येक श्रेणी में प्रकाश्ठ की मांग एवं उपलब्धता के आधार पर, प्रत्येक श्रेणी में प्रकाश्ठ का मात्राकरण करते हुये परीक्षणोपरान्त पात्र आवेदकों में से ई-लाटरी के माध्यम से सफल आवेदकों का चयन किया गया। 01 से अधिक श्रेणी के लिए आवेदन करने वाले आवेदकों को 01 से अधिक श्रेणी में सफल होने की दषा में आवेदक को उसकी पसन्द की किसी एक श्रेणी में ही लाइसेंस निर्गत किया जायेगा।

       श्रीमती अवस्थी ने बताया कि उक्त 08 श्रेणियों में आनलाइन लाइसेंस जारी करने हेतु उत्तर प्रदेष वन एवं वन्यजीव विभाग द्वारा भारत सरकार की संस्था सी-डैक से वेब पोर्टल (ॅव्व्क् ठ।ैम्क् प्छक्न्ैज्त्प्म्ै स्प्ब्म्छैप्छळ ैल्ैज्म्ड) विकसित कराया गया। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेष वन विभाग द्वारा प्रदेष में वन क्षेत्रों के बाहर उपलब्ध प्रकाश्ठ की मात्रा का आंगणन भारत सरकार की संस्था फाॅरेस्ट सर्वे आफ इण्डिया द्वारा कराया गया। प्रमुख सचिव ने बताया कि ई-लाटरी की प्रक्रिया को पूर्णतः सुरक्षित, फूलप्रूफ एवं नितांत पारदर्षी बनाने के उद्देष्य से ई-लाटरी की सम्पूर्ण प्रक्रिया को भारत सरकार की दक्ष एजेंसी ैज्फब् से ैमबनतपजलए थ्नदबजपवद ंदक च्मतवितउंदबम ।नकपज कराया गया है। उन्होंने कहा कि ैज्फब् इस क्षेत्र में उच्च स्तर की दक्ष संस्था है तथा इसके द्वारा भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों से सम्बन्धित प्रकरणों में ैमबनतपजल ।नकपज किया जाता है। ई-लाटरी माड्यूल की ज्मबीदपबंस म्अंसनंजपवद ब्वउउपजजममएजिसमें प्प्ज्ए ज्ञंदचनत एवं प्म्ज्ए स्नबादवू के प्रोफेसर सम्मिलित हैं, के द्वारा टंसपकंजम किया गया।

       उन्होंने बताया कि आनलाइन लाइसेंस जारी करने हेतु आवेदकों से दिनांक 15 जून से 14 जुलाई, 2018 तक आवेदन मांगे गये थे। निर्धारित अवधि में कुल 13,433 आवेदन प्राप्त हुये। इन आवेदकों की पात्रता निर्धारित करने हेतु प्राप्त 13,433 आवेदनों का आनलाइन परीक्षण षासन द्वारा गठित उच्च स्तरीय समिति द्वारा किया गया। स्क्रूटनी में त्रुटिपूर्ण पाये गये लगभग 60 प्रतिषत आवेदनों से सम्बन्धित आवेदकों को 08 अक्टूबर से 14 अक्टूबर के मध्य त्रुटियों का निराकरण किये जाने हेतु एप्लीकेंट पैनल की एक्सेस प्रदान की गई। इस प्रकार कुल आनलाइन प्राप्त 13,433 आवेदनों में से 10,001 आवेदन सही पाये गये।

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