लखनऊ: उत्तर प्रदेश में चल रहे मीसल्स रूबेला अभियान के तहत बच्चों ने उत्साहपूर्वक टीकाकरण अभियान में हिस्सा लिया है। राज्य भर में लगभग 2.16 लाख स्कूलों को सफलतापूर्वक कवर किया गया है। मीसेल्स रूबेला अभियान के तहत पहले दो हफ्तों में 2.5 करोड़ से ज्यादा बच्चे शामिल हुए हैं। अभियान 26 नवंबर को 65 जिलों में लॉन्च किया गया था और शेष 10 जिलों में 10 नवंबर को बढ़ाया गया था।
यह जानकारी देते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तर प्रदेश के महाप्रबंधक-नियमित टीकाकरण, डॉ वेद प्रकाश ने अवगत कराया है कि मीसल्स रूबेला टीका बिल्कुल सुरक्षित है। अभियान के पहले दो हफ्तों में दो करोड़ से अधिक बच्चों की सुचारु टीकाकरण ने माता-पिता के बीच विश्वास बढ़ाया है और अब वे अपने बच्चों के टीका और अभियान का समर्थन करने के लिए बड़ी संख्या में आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें आशा है कि मीसेल्स रूबेला टीकाकरण के लिए 9 महीने से पंद्रह वर्ष के आयु वर्ग के राज्य के लक्षित 8 करोड़ बच्चों का टीकाकरण कर लेंगे।
बेसिक शिक्षा उत्तर प्रदेश की अपर निदेशक ललिता प्रदीप ने अभियान में स्कूलों की भागीदारी के बारे में बताया कि अब तक स्कूलों की भागीदारी बहुत अच्छी रही है। आगे भी इसमें स्कूलों को विशेष रूप से शामिल रखा जायेगा।
इंडियन एकेडमी ऑफ पेडियाट्रिक्स (आईएपी) यूपी चैप्टर की अध्यक्ष डॉ पियाली भट्टाचार्या ने जानकारी दी है कि आईएपी एमआर टीका का समर्थन करता है जो पूरी तरह से सुरक्षित है और दुनिया भर में इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा, माता-पिता और स्कूलों को भ्रामक समाचार से प्रभावित नहीं होना चाहिए। उन्होंने ऐसे समाचारों से आगाह किया जो बच्चों के बीच इंजेक्शन को लेकर भय पैदा करने के लिए कुछ घटनाओं को सनसनीखेज बनाते हैं। उन्होंने कहा कि सुरक्षित टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा सभी व्यवस्थाएं की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि माता-पिता को टीकाकरण के दौरान अपने बच्चों के साथ अवश्य होना चाहिए जिससे वे टीकाकरण के दौरान सहज महसूस करें।